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क्या हुआ कांग्रेसियों इवीएम के खिलाफ आवाज उठाने की औकात ही नहीं रह गई?
अन्याय करने वाला तो अपराधी है ही परंतु अन्य होते देखना सहना उससे बड़ा अपराध है।
यह बात न केवल कृष्ण ने कही, शास्त्रों में लिखी है, और स्वयं सिद्ध है।
जब तुम्हारे व जनता के साथ इतना बड़ा छल कपट हुआ और तुम्हारी आवाज नहीं निकल रही नामर्दों तो बंद कर दो राजनीति की नौटंकी
घरों में जाकर बैठो
अगर यह आवाज नहीं उठा सकते तो जाकर घरों में रसोई संभालो निकंमों।
बैठो बंद कर दो राजनीति।
अगर यही कांडकांग्रेस ने कर दिया होता तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और मुंबई से लेकर इंफाल तकपूरे चड्डी वालेके साथ में सारे नेतारोज है है नारे लगा रहे होते पर तुम निकम्मे, हरामखोरों इतनी गंदी गालियां बकने के बाद में तुम्हारा जमीर नहीं जाग रहा।
क्योंकि तुम्हारी रगों का खून पानी बन चुका है।
और वह कमलनाग और दिग्गी दानव इनके पास तो हजारों करोड़ों की संपत्तियां हैंइन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगापरंतु तुम्हारा और देश के युवा पीढ़ी का भविष्य ओखा की चड्डी वाले बर्बाद करने पर तुले हुए हैं और उन्होंने भी उसे गुंडे मोहन यादव कोजिसके ऊपर 500 करोड रुपए की ज्यादा की जमीन को हड़पने कानूनी काटने का केस उज्जैन के न्यायालय में चल रहा है उसको बना दिया जिसके मुंह में गालियों के अलावा कुछ नहीं रहता चुपचाप स्वीकार कर लिया।
भेड़ों अपने निकम्मेंपन से जनता को खून के आंसू रुलाने वाले आलसी मक्कार नेताओं भाजपा से सीख लेते 20 साल कम से कम बाहर रहने के बाद
यह खूंसट बुढ़्ढे बहुत लंबी चौड़ी फांक रहे थे।
निकम्मा को पद चाहिए मुझे यह बना दो मुझे वह बना दो किसी के मुंह से आवाज निकल रही है इतना बड़ी जालसाजी हो गई तीन-तीन राज्यों में
शर्म हया कुछ नहीं बची रे बंद करो नौटंकी।
कांग्रेस पार्टी अब कांग्रेस पार्टी नहींनिगम में नामर्द भेड़ों का झुंड बन गया।
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