सभी विभागों के संविदा कर्मियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों जिसमें लाखों एन एच एम के डॉक्टर, कार्य विभागों के जिसमें लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय, जो गृह निर्माण मंडल नर्मदा घाटी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, पंचायत ग्रामीण विकास, आदिम जाति आदि के इंजीनियर अधिकारी कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी श्रमिको को एक साथ आंदोलन करना चाहिए। सभी व्यापारी उद्योगपति जीएसटी एवं खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम से परेशान हैं। हो सके तो उनको भी साथ लेकर पूरा देश व्यापी बंद करो।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मोटे फायदे, सरकारी कंपनियों विद्युत मंडल, रेलवे व अन्य सभी सरकारी विभागों, कंपनियों के निजी करण के विरुद्ध, जनता का डाटा इकट्ठा करने के लिए जबरदस्ती ऑनलाइन भुगतान, बिजली के बिलों का न देना, मिलने से जनता भी परेशान हैं।
सबको साथ ले लो।
फिर केन्द्र व राज्य की चहूंदिशी लूट, पुरानी पेंशन, ईवीएम से चुनाव बंद करवाने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन करो।
अलग-अलग छुटपुट आंदोलन को सरकार आसानी से दबा देती है। जब पूरा देश ही बंद होगा। तो दबाने के लिए संसाधन ही नहीं होंगे।
भाजपा के90%नेता भी यही चाहते हैं।
जिसमें उमाभारती, सुब्रमण्यम स्वामी, वरुण गांधी तो खुले में बगावती तेवर अपनाकर क्रांतिकारी भाषण पेल रहे हैं। बाकी भी बगावत करना चाहते हैं।
तो मजबूरन न्यायपालिका, कार्य पालिका सब को झुकने के अतिरिक्त कोई चारा ही नहीं बचेगा।
प्रस्तुति लेखक एवं निवेदक प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
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