म प्र जल संसाधन विभाग में जो 8 प्रभारी मु अ, अ यं, इइ, स यं, ४उ यं का केवल अपनी बहादुरी दिखाने सिंधिया खेमे के मंत्री को नीचा दिखाने कारम बांध कांड में निलंबन किया गया।
जबकि पिछले 6 सालों से जानबूझकर सर्वोच्च न्यायालय की आड़ लेकर जबकि उसने पदोवनति पर स्थगन दिया है। लाखों कर्मचारियों को बिना पदोन्नत किए सेवा निर्वृत्त होने पर मजबूर कर दिया।
दूसरी तरफ
हर विभाग में 90% कार्य, 2-3 पदों के बड़े पदों पर प्रभार वसूल कर प्रभार देकर चलाया जा रहा है। जब प्रभार दे दिया गया। तो उनको उस पद का वेतनमान क्यों नहीं दिया जाता?
परंतु हरामखोर जालसाज मुख्यमंत्री और उसके सारे मंत्री मोटी कमाई करने जानबूझकर पदोन्नति ना देकर पूरे विभागों में काम चलाऊ तरीके से भ्रष्टाचार से मोटी रकम हजम करने पूरे तंत्र की बर्बादी की जा रही है।
सभी विभागों में 30% स्टाफ रह गया। पर हर विभाग में काम 4 गुना हो गया। पर भर्ती नहीं की जा रही। आखिर इसके लिए जालसाज शिवराज सरकार ही जिम्मेदार है।
इन अवैध निलंबन को लेकर, सारे विभागों इसमें जल संसाधन, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय, गृह निर्माण मंडल, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा, नर्मदा घाटी, विद्युत मंडल आदि सभी के इंजीनियरों को ना केवल निलंबन, पदोन्नतियों, निजी कारण, भर्ती आदि को लेकर हड़ताल करके सरकार को उसके कुकृत्यों पर घेर देना चाहिए।
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