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जल विद्युत की 10 पैसे यूनिट की बिजली को व्यवसायिक स्तर पर ₹18-20 प्रति यूनिट बेचने के बाद में भी, मुफ्त की 5000 मेगा वाट घरेलू बिजली को जिम्मेदार ठहराना कहां तक उचित होगा? जबकि 15000 मेगावाट बिजली का तो व्यवसायिक बिक्री हो रही है ना।
केवल घरेलू स्तर पर मुफ्त है।
हरामखोर सच बोलना नहीं जानते ना चाहते। दूसरी तरफ 99% पत्रकार कटिंग पेस्टिंग मास्टर ही तो है। ना तो पढ़े-लिखे हैं ना पढ़ना लिखना चाहते हैं बस पका पकाया मिल जाए ब्लैकमलिंग करके मोटी कमाई करने के लिए।
क्योंकि मोदी का बाप अडानी 10000 करोड रु महीने की बिजली जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान को बेंच रहा है। वह कहां से पैदा हो रही है? चोरी तो मध्य प्रदेश से ही की जा रही है। ना। जल व ताप की 29000 मेगावाट बिजली बनती थी कहां चली गई जानबूझ के पावर प्लांट में कोयले की कमी की गई क्योंकि उनका बाप अडानी कोयले की खदान से भी बैच कर खा रहा है।
आखिर अडानी ऐसे ही दुनिया का दूसरे नंबर का खरबपति तो नहीं बन गया।
दूसरी तरफ पवन और सौर ऊर्जा विद्युत की खरीदी के खेतों से जो लगभग 10 से 12000 मेगावाट है एक पैसे की बिजली की खरीदी जाती तो हजारों करोड़ रुपए प्रति माह का भुगतान क्यों किया जाता है।
कभी पूछा अपने बाप लोगों से, कि तुम्हारे बाप की जागीर है तो जनता का धन मन जिसको लुटाओगे।
25000 करोड़ का मेट्रो ट्रेन इंदौर में क्या दिलीप सूर्यवंशी की उपलब्धि दुनिया में गिनवाने के लिए के लिए बनवाया जा रहा है।
क्या जरूरत थी सड़कें चौड़ी कर देते ढंग से पिछले 4 साल से जनता परेशान हो रही है अनेकों लोग दुर्घटनाओं में मर गए उनको तुम्हारा बाप रोटी देगा।
शिवराज।
फिर जो बने बनाए सार्वजनिक संस्थान थे उनको तो लूट और बैच कर खा रहे हो।
फिर मेट्रो ट्रेन बनाने में जनता का ₹25000 करोड़ बर्बाद हो रहा है।
कुछ चलाने का भी ठेका उसी को दे देना।
आखिर मप्र पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड अडानी को बेंचने का उद्देश्य क्या था? और क्यों सूअर जालसाज ने पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड खरीदा/बेंचा। ताकि आराम से बिजली चोरी करो और आराम से पाकिस्तान को हर महीने हजारों करोड़ की बिजली बैचकर मोटी कमाई करते रहो। कोई नहीं पूछेगा।
जिस टाटा और अडानी के मुंद्रा थर्मल पावर प्रोजेक्ट सन 2016 में नीलाम होने की कगार पर आ गए थे। उनका क्या हुआ?
देखते चलो सारे हरामखोर लुटेरे डकैतों की सब की अकाल मौत होगी। कोई भी तिनका नहीं ले जा पाएगा।
जनता को पेट्रोल डीजल गैस खाने का तेल और सब चीजों की मंहगाई से जितना खून पी सकते हो। पी लेना चान्डालों। मोदी योगी अमित शाह शिवराज और सारे के सारे नेताओं, आईएएस अधिकारियों जितना छल कपट जालसाजी कर सकते हो कर लेना।
मरते समय हाथ पसारे ही जाना है।
जनता की आंख के आंसू और पीड़ा की आह खाली नहीं जाएंगी।
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