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पूरे देश और दुनिया का मीडिया चाहे टीवी हो या प्रिंट सभी जाहिल भूखे भेड़ियों का गिरोह है। जिसे अपना पेट भरने व धन संग्रह के लिए जनता को भ्रमित कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों की रखैल सरकारों के मौतों के तांडव में डीजे बजाना है।
यह सब हरामखोर चांडालों की फौज अमर फल खाकर आई है। यह भर जिंदा रहेगी।
इसलिए ये जाहिल सरकार के टुकरखोर भड़वे भय बांट कर सरकारी चांडालों के इशारे पर नाच कर 22 महीने से जनता को भयाक्रांत कर अकाल मौतों का रास कर रहे हैं।
99% टीवी और समाचार पत्रों के पत्रकार बहुत ज्ञानी ध्यानी, अध्ययनशील, जनकल्याणकारी लेखन व प्रदर्शन कार्यो का औचित्य व अपने अस्तित्व सिद्धी से दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं रखते।
अपने व्यक्तिगत हितों को साधने भड़वे सत्ताधीशों और पूंजीपतियों के चरणदास, चित्र व चित्ताव लोकन कर उसमें से उनकी प्रशंसा को शब्दों में प्रस्तुति कर जनता को भ्रमित कर मुर्दों व पशुओं की तरह पेट भर जीवनयापन कर जीवन यात्रा पूरी करते हैं।
जबकि प्रभु ने उन्हें पत्रकारिता के माध्यम से राक्षसों व चांडालों के विरुद्ध आवाज उठा जनकल्याण का कार्य सौंप अपने जीवन की यात्रा को मील का पत्थर बना कर इतिहास में अमृत्व प्रदान करने का मंतव्य संजोए।
ब्रह्म वाक्यों को देश-दुनिया के पत्रकार समझें और अपना जनकल्याणकारी औचित्य सिद्ध करें।
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