मुंबई का पुलिस कमिश्नर एक झटके में एक डील के सौ करोड़ मांगता है। एमपी में इंदौर और भोपाल मैं भी पुलिस कमिशनरी लागू करके इसी प्रकार वसूली करना मांगता है। अगर हम किसी से हल्के पतले और कमजोर है, क्या? जो हमें इतना वसूली नहीं मिलेगा। फिर पुलिस विभाग में कमिश्नर ई बनाने के बदले में ट्रांसफर पोस्टिंग मैं भी मोटी कमाई करेंगे पूरा प्रदेश को, भू माफिया, कॉलोनी माफिया, शिक्षा माफिया, पेट्रोल माफिया, ड्रग माफिया सेक्स रैकेट माफिया रेत माफिया, खनन माफिया, शराब माफिया, भर्ती माफिया, प्रवेश माफिया, एडवाइजरी कंपनी माफिया, कंसलटेंट माफिया, परिवहन माफिया, सड़क माफिया, ठेकेदार माफिया, सुपारी किलींग, वन माफिया कटाई जानवरों के शिकार माफिया आदि में,
(कम पढ़ा लिखा हूं। मुझे ज्यादा नाम याद नहीं है। ज्यादा किसी से पाला भी नहीं पड़ता, मेरा, आप लोग देखें और कौन-कौन से माफिया बचे हैं जोड़ दें इसमें।)
अब पुलिस का खुलकर साम्राज्य वसूली लूट और डकैती चलेगी। कोई केस कलेक्टर कमिश्नर व न्यायालय में नहीं जाएंगे। सब पुलिस अपने स्तर पर वसूली करके गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को भेजेगी। चिंता नहीं करने का पूरे देश और दुनिया के सारे माफिया मध्यप्रदेश के इंदौर भोपाल में आ जाओ। खुलकर लूटो। बस पुलिस का महीना बांध दो। जहां से हमें मिल जाएगा
अब सच बोलने और लिखने वाले पत्रकारों नेताओं को अब हम अपने स्तर पर ही निपटा देंगे। कोई कोर्ट में केस नहीं।
हम खाकी वर्दी हैं सबको बतला देंगे।
बस महीना समय पर देते रहना।
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