उत्तराखंड में भेड़िया झुंड पार्टी की सरकार और उसके सारे भारतीय प्रताड़ना सेवा के अधिकारी जो कलेक्टर कमिश्नर से लेकर मुख्य सचिव तक जिस प्रकार से बहुराष्ट्रीय कंपनियों अडानी अंबानी टाटा बिरला के साथ वॉलमार्ट और अमेजान के इशारे पर नाच कर, उनसे मोटा कमीशन खाकर पूरे प्रदेश को पिछले डेढ़ साल से, महामारी की आड़ में पूरी दुनिया खुल गई पर वहां कभी रासूका, कभी कुछ, की नौटंकी कर प्रदेश को बंद किए हुए हैं। कलेक्टर कमिश्नर धूर्त किस प्रकार से पूरे प्रदेश की जनता सारे उद्योगों स्कूलों शिक्षा संस्थानों को प्रताड़ित कर बंद की नौटंकी कर लोगों को जीना मुश्किल किए हुए हैं। यहां समझ में आता है।
पर वहां का बिकाऊ मीडिया इन सच्चाई को प्रकट करने की अपेक्षा सारे भेड़िए प्रशासन के इशारे पर नाच कर उनकी प्रशंसा में जुटे रहते हैं।
उन्हें जनता से बिल्कुल मतलब नहीं। कि आखिर डेढ़ साल से स्कूलों के बच्चों का भविष्य बर्बाद होने के साथ वहां की जनता किस प्रकार से अपना जीवन यापन कर रही होगी?
कितने लोग भूख से मर चुके होंगे। पर इन हरामखोर नौटंकीबाज पत्रकारों को किसी कोई चिंता नहीं।
लानत है ऐसे मीडिया को ऐसे पत्रकारों को जो जनता की आंख के आंसू को पौंछने, परेशानियों को दूर करने, देश दुनिया की जनता को बताने, शासन को बताने की अपेक्षा प्रशासन के इशारे पर नाच कर भांडों व भड़वों की भूमिका निभा रहे हैं।
मैं चाहता हूं कि वहां के पत्रकारों को बुरा लगे मुझे वह गालियां भी बके परंतु इन सब से ऊपर उठकर पहले अपना पुनीत कर्तव्य जनता के कल्याण के काम करें।
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