मुरलीधर राव भाजपा के नेता ने कहा भाजपा के नेता नालायक हैं।
केवल नालायक ही बोल कर चुप हो गए जबकि नालायक की शब्द की परिभाषा अत्यंत वृहत है।
फिर भी चलो कम से कम किसी नेता ने तो स्वीकार किया, कि भाजपा के नेता नालायक हैं, 60% सांसदों विधायकों नेताओं पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। तो कैसे लायक हुए। जिलों के कलेक्टरों को डरा धमका कर ईवीएम की जालसाजी से चुनाव जीतकर, ना केवल भ्रष्टाचार, झूठ, मक्कारी, जालसाजी, छल, कपट से देश की जनता को लूटते हैं। बरन मोदी से लेकर नीचे गांवों की पंचायतों के सरपंचों तक देश को, जनता को लूटते बर्बाद करते हैं।
इसके बाद में भी भाजपा की आईटी सेल के व्हाट्सएप फेसबुक के विद्यालय में पढ़े अंधभक्त मानने को तैयार नहीं।
जबकि स्वयं उन्हीं के नेता सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हैं। कि हमारे नेता नालायक हैं। क्योंकि सारे दुर्गुणों की खान हैं, जाहिल, आपराधिक, घोर लालची, अहंकारी, बदतमीज, असामाजिक जैसे महान गुणों युक्त व्यक्ति छल, बल, दल, से छे: छे: बार चुनाव जीत जाते हैं।
फिर अपनी सच्चाई भरी प्रशंसा सुनकर बौखलाते हैं।
सच सुनकर मिर्ची लगना भी चाहिए।
दूसरी तरफ सज्जन शिक्षित चरित्रवान तो कोई नेतागिरी कर ही नहीं सकता। और यह बात केवल भारत में ही नहीं।
सभी दुनिया के देशों की लोकतांत्रिक सरकारों के नेताओं की सत्यता है।
विरले ही होते हैं। जो सच को बोलते हो, स्वीकार करते हैं।
हो सकता है सीधा इशारा शिवराज सिंह की तरफ हो जो 15 साल से मुख्यमंत्री बन कर सारे सत्ता के शीर्ष पर बैठकर किए जाने वाले अपराधों का जिसकी लंबी सूची में पूरा इनसाइक्लोपीडिया भरा जा सकता है।
पर दुख की बात यह है सच स्वीकार करने के बाद मैं की नेता नालायक हैं। उच्च नेतृत्व को घी, दूध, देती लात मारती भ्रष्टाचार करती, गाय रूपी विधायकों सांसदों पार्षदों सरपंचों रूपी नेताओं को हटाने की हिम्मत भी नहीं कर सकते।
इसको भी जनता समझे और इन नालायकों नेताओं को दूसरी बार कभी चुनाव ना जिताये।
चाहे वह किसी भी पार्टी का नेता हो।
प्रस्तुति एवं लेखक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
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