बाढ़ पीड़ीतों को रु 6000 में 1 महीने का भोजन की व्यवस्था भी नहीं होगी। वस्त्र सारे बह गए एक परिवार के तो वस्त्र भी चाहिए होंगे। और भेडिया झुंड पार्टी विज्ञापन ऐसा कर रहे हैं जैसे ये धूर्त अपने घर में से पैसे लाकर दे रहे हो।
इसी शिवराज का जो सबसे बड़ा प्रदेश का रेत माफिया है स्वाभाविक है। रेत माफियाओं को सरंक्षण भी है। जिसकी नदियों से रेत निकाल लेने के कारण पूरे भिंड मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर आदि जिलों के नदी किनारे बसे हुए गांवों की आत्यधिक रेत खनन से नदी के तल में गड्ढों से पानी भरने और बहाव आने पर एकदम मिट्टी बही और बाढ़ का कारण बनी।
भेड़ियों के झुंड ने अपने तुच्छ स्वार्थों की खातिर किस प्रकार से प्रदेश को और देश को बर्बाद कर रही है। इसको जनता समझे।
65 साल में कांग्रेस ने देश मैं वित्तीय भ्रष्टाचार अवश्य किए पर जिस तरह से देश देश को यह भेड़िए नोच कर बर्बाद करने पर तुले हुए हैं और जितना पैसा कांग्रेसी 65 साल में नहीं भेजा था उससे 4 गुना पैसा इन्होंने केवल 7 साल में भेज दिया। उन्होंने गरीबों को और गरीब नहीं बनाया था इन्होंने तो गरीब से गरीब को भी भिखारी बना दिया। जनधन के 50 करोड़ से ज्यादा खातों में लगभग रु10लाख करोड़ से ज्यादा न्यूनतम बैलेंस व अन्य वसूली के नाम पर हजम कर लिया बैंकों ने, और बैंकों का पैसा चांडाल मोदी के गुजराती मित्रों ने लगभग 50लाख करोड़ रु, अब जब पनौती चांडाल के करण चारों तरफ मानव निर्मित के साथ प्राकृतिक आपदाएं आ रही है लोग भूख प्यास बीमारी से मर रहे हैं तब ₹6000 की भीख बांट रहे हैं। प्रदेश और देश तुम्हारे बाप की जागीर नहीं भेडियों, जो पेट्रोल डीजल गैस शराब में चौगुनी से 40 गुना तक बसुलो, और फिर अपने कुकर्मों को छुपाने बड़े विज्ञापन देकर जनता पर एहसान दिखाकर अन्नकूट महोत्सव मनाओ और 5 किलो गेहूं चावल दान करो।
आखिर मरना तुम्हें भी पड़ेगा। यह याद रखना अमर फल खाकर कोई नहीं आया।
प्रस्तुति लेखक एवं निवेदक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
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