सरकारी स्कूल बचने नहीं देंगे और प्राइवेट में पढ़ने नहीं देंगे क्योंकि पढ़ा लिखा भारत सवाल करेगा और सरकारों को सवाल पूछने वाले पसंद नहीं है।
सरकारों को बंधुआ मजदूर चाहिए जिन्हें मुफ्त राशन, सब्सिडी और आरक्षण बांट बांट कर अपनी राजनीतिक दुकान चलाती रहे यही कारण है कि आज भी 80 करोड़ भारतीय को मुफ्त राशन पर आश्रित है , सब्सिडी के लिए हजारों करोड़ का बजट रखना पड़ता है और देश का बड़ा वर्ग आरक्षण पर आश्रित है ।
आज देश की मूलभूत आवश्यकता शिक्षा और स्वास्थ्य है और दोनों ही आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं ।
सहज, सुलभ और सस्ती शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग जब तक जनआंदोलन का रूप नहीं लेगी तब तक देश राजनेताओं का गुलाम ही रहेगा ।
जितनी कुर्बानी अंग्रेजों से आजादी के लिए दी थी उतनी या उससे ज्यादा कुर्बानी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को हासिल करने के लिए देना पड़ेगी ।
🙏🏻भाजपाई या कांग्रेसी नहीं हिंदुस्तानी बनकर सोचें।
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