जागो हिंदुओं यह हिंदुओं के संरक्षक नहीं यूरोपियन ईसाई संस्थाओं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से विश्व बैंक के माध्यम से 76अरब डॉलर और एशियन विकास बैंक का 48 अरब डालर इस चांडाल मोदी ने जो हडपा है।
उसका उद्देश्य ही हिंदुओं की आबादी को खत्म करना है।
क्यों यह सारे नियम कानून आरटी पीसीआर टेस्ट करोना टेस्ट, वैक्सीनेशन के सारे नियम हिंदू मंदिरों के लिए ही लागू होंगे।
औकात हो कलेक्टर कमिश्नर की मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की तो किसी मस्जिद में लागू करके दिखाएं।
दूसरी तरफ क्या यह सारा खेल हिंदुओं की धर्म संस्कृति और हिंदुओं की जनसंख्या को समाप्त करने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के अंतर्गत देश का प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और सारे जिलों के कलेक्टर अपनी मनमानी तानाशाही केवल कमजोर हिंदुओं पर लाद पा रहे हैं। अगर दम हो तो बताओ देश के साथ, दुनिया को, मुसलमानों मैं कितने प्रतिशत लोगों को टीका लगा दिया और उनकी बस्तियों में घुसकर आरटी पीसीआर टेस्ट कर लिए। क्या भारत के औषधि स्तर नियंत्रक अधिकारी या ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल अथॉरिटी ऑफ इंडिया से स्वीकृत और जनता को लगाने के लिए यह टीका अधिकृत हुआ। उनको तो आज तक आपने आवेदन देकर स्वीकृति के लिए ही नहीं भेजा। यह स्वास्थ्य मंत्रालय की साइट पर लिखा हुआ है तो फिर 10 लाख से ज्यादा लोग हजार से ज्यादा डॉक्टर जो टीका लगाने के बाद मर गए उससे चांडाल की आत्मा को शांति नहीं मिली जो अब मंदिरों में भी हिंदुओं को घुसने से पहले यहां के कलेक्टर टीका और आरटी पीसीआर टेस्ट मांग रहे हैं।
हजारों डॉक्टर लाखों लोग टीका लगाने के बाद मर गए उसके लिए कौन जिम्मेदार है?
तो हिंदू कीड़े मकोड़े और आप के बाप की जागीर नहीं है? घोर जालसाज सफेदपोश सरकारी डकैत लुटेरे कलेक्टर कमिश्नर मंत्री मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जो महामारी के नाम पर जानबूझकर लूटने, खत्म, बर्बाद करने श्मशान में चिताओं और मुर्दों की लाइन लगाकर खाक कर दो।
और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी साइट पर लिखा है। टीका लगाना ऐक्षिक है। जिसके जिसकी वीडियो मैंने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय वाह ड्रग कंट्रोलर की साइट से रिकॉर्ड करके भेजे हैं।
और टीका ना लगाने के कारण किसी को किसी भी लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता और फिर यह यह प्रतिबंध और फिर ये जालसाजीया केवल हिंदू मंदिरों में केवल हिंदुओं पर ही थोपेंगे/ चलेंगे।
आखिर हिंदू कब जागेगा मक्कार, डरपोक, स्वार्थी हिंदू नहीं जागेगा।
तो ऐसे ही दबाया और कुचला जाएगा। और अपने देवी-देवताओं को मंदिरों में दर्शन से भी वंचित किया जाएगा। यह गुजराती भूखे भेड़िए मुगलों से ज्यादा घोर नीच हिंदू हंता हैं।
प्रस्तुति निवेदक एवं लेखक प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
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