बहुराष्ट्रीय कंपनियों से मोटा कमीशन मिलने के चलते यह देश को, देश के व्यवसाय को पूरा गिरवी कर गुलाम बना चुके
अजमेरा उवाच आखिर क्या करोना दिन में भाग जाता है। रात में जो घूमते हुए दिखते हैं। उनका पीछा पकड़ लेता है। जो रात का कर्फ्यू लगाने की नौटंकी की जा रही है। सारी कहानी चीनी कंपनियों स्वीग्गी और जोमैटो व अन्य ऑनलाइन खाद्य व्यवसाय करने वाली कंपनियों का है। जो इन हरामखोर जालसाज भारतीय प्रताड़ना सेवा के कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, निगमायुक्त, पालिकाओं के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को, व अन्य अधिकारियों को महीने का मोटा धन बांटती है और इन चीनी कंपनियों ने मोदी से लेकर नीचे सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों तक से धन बैठकर इनको इस बात के लिए कह रखा है कि सारे रेस्टोरेंट खाद्य व्यवसाय की दुकानों को आप केवल ऑनलाइन और होम डिलीवरी की व्यवस्था करें ताकि छोटे दुकानदार छोटे रेस्टोरेंट होटल इनके पास था सारा स्टाफ है नहीं तो स्वाभाविक है लोग और खास तौर से हमारी जाहिल आधुनिक बनने वाली युवा पीढ़ी शाम को घर से बाहर खाने पीने के लिए ही निकलती है। जब वहां नहीं मिलेगा तो वह ऑनलाइन ऑर्डर करेगी और कर रही है और हजारों करोड का व्यवसाय उसकी आड़ में उनका हो रहा है।जो 20% से 50% कमीशन पर देश की दुकानों होटलों रेस्टोरेंट से खाना खरीद कर ऑनलाइन डिलीवरी करवाते हैं और मोटा धन कमाते हैं बदले में हमारे देश के होटल रेस्टोरेंट को लूटा जाता है और वह लूट जनता से की जाती है। आज ऑनलाइन बिक्री का इंटरनेट बंद कर दीजिए तो सारी महामारी खत्म हो जाएगी क्योंकि सारा खेल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आनलाईन की लूट का चल रहा है। छोटे दुकानदार छोटे उद्योगों, छोटे व्यापारी, दुकानदार कमीशन, महीना देते नहीं और यह हरामखोर शॉपिंग मॉल के अडानी, अंबानी, टाटा, आईटीसी, युनिलीवर, वॉलमार्ट अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, डिमार्ट, बड़े बड़े पूंजीपति चांडाल देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व मंत्रियों नेताओं से लेकर सारे ब्यूरोक्रेट को जो मंत्रालयों में बैठे हुए हैं। सारे घोर लालची, बदतमीज, मक्कार जालसाजों को महीना बांट कर पूरे देश में महामारी की आड़ में तालाबंदी का पाखंड पिछले 15 महीने से करवा रहे हैं। इसको जनता समझे और हमारी युवा पीढ़ी के साथ में सभी लोग ऑनलाइन खरीदी बिक्री करना बंद कर दें। दूसरा महामारी का पकड़ खत्म होने के साथ, छोटे व्यापारियों, छोटे उद्योगों, बाजारों, मंडियों का व्यवसाय चले और इस देश के 140 करोड लोगों को रोजी-रोटी मिल सके। वरना तो इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों से मोटा कमीशन मिलने के चलते यह देश को, देश के व्यवसाय को पूरा गिरवी कर गुलाम बना चुके हैं। बहुराष्ट्रीय और चीनी कंपनियों को। इसको हमारी युवा पीढ़ी समझने से लेकर सभी लोगों को समझना चाहिए। प्रस्तुति, लेखक एवं निवेदक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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