सब को गांव से लेकर शहरों और महानगरों तक अपने कलेक्टर कमिश्नर, सांसदों विधायकों से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और नेताओं के खिलाफ करना चाहिए ऐसे विरोध का प्रदर्शन। ताकि सरकार के साथ देश दुनिया में ये खबरें पहुंचे।
आखिर भूख, बेरोजगारी, बच्चों बीबी और परिवार की प्रताड़ना, मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानियां जब झेल रहे हो प्रदर्शन कब करोगे या मोदी और सत्ता धीश चांडालों से ज्यादा हम स्वयं घोर मक्कार, आलसी, कामचोर, बहाने बाज, टीवी को मोबाइल से चिपक कर स्वंय कुछ नहीं करना चाहते।
जो सरकार के बहानों की आड़ में अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
आखिर सरकार ने सरकारी भ्रष्टाचार लूट वसूली और बहुराष्ट्रीय कंपनी को इशारे पर नाच को देश को गुलाम बनाने के षड्यंत्र का उसका आईना दिखाने, अपनी लड़ाई लड़ने, आपका पौरुष जागृत करने का मौका दिया है।
अपनी शक्ति एकजुटता जागने का प्रदर्शन करने के लिए।
तो कब करेंगे? कब सच बोलना सीखेंगे? कब अपनी लड़ाई लड़ना सीखेंगे?
या बस खाने पीने और थोड़ी कमाई करके जीवन यापन कर के मुर्दो की तरह सोने आए हैं। धरती पर।
उठो 80 करोड़ नामर्द हिंदुओं, त्याग दो। अपने भ्रम के डर को इंसान बनकर पैदा हुए हो। तो हर अन्याय के विरुद्ध चिल्लाना आक्रमक होना सीखो।
जिस दिन भय त्याग आक्रमकता आ गई दुनिया पर राज करोगे
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