|
यह प्लास्टिक भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की पैकिंग की देन है।
अकेले सन 2016 में 88000 टन प्लास्टिक कोको कोला का उपयोग किया था और पूरी दुनिया में वॉलमार्ट की पैकिंग में लगभग 300000 टन पैकिंग में प्लास्टिक उपयोग कर अपना खाद्य पदार्थ पूरी दुनिया के डेढ़ सौ देशों में बेचे थे। इसके विपरीत खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 fssai जिसमें हर खाद्य वस्तु को जानबूझकर स्वादिष्ट बनाने, लंबे समय तक ताजा बनाए रखने रसायनों, कीटनाशक, सुअर, गाय, भैंस, बकरी का रक्त, मांस, हड्डियों का चूरा जिसे जिलेटिन कहा जाता है का उपयोग कर वह ₹10 प्रति किलो का आलू का चिप्स में मिला ₹2000 किलो बेंचते हैं, अंकल चिप्स, क्रिस्पी न जाने कितने सैकड़ों नामों से आपको, बच्चों को, यह सारा महामारी की आड़ में तालाबंदी का षड्यंत्र सारे खाद्य व्यवसाय पर सारे देश की दुकानों मंडीयों बाजारों को खत्म करके सारा किसानों का माल मार्च, अप्रैल, मई में जब सबसे ज्यादा करोना का नाटक किया जाता है। खरीद कर कब्जे में करने के साथ सारे किसानों की जमीनों को छीनने का षड्यंत्र भी है।
दूसरी तरफ बहुराष्ट्रीय कंपनी अपना माल प्लास्टिक की पॉलिथीन की थैलियों में पैक करके बैठे हैं तो नगर निगम प्रशासन पुलिस कुछ नहीं बोलता वही प्लास्टिक की पत्नियों का उपयोग अगर छोटे दुकानदार करते हैं तो उनका चालान बनाकर लूटा जाता है। पॉलीथिन पन्नियों का उपयोग बहुराष्ट्रीय कंपनियां करती है उसको गाय खा लेती हैं उनके पेट में जाकर फंस जाता है। उसका ऑपरेशन करते हुए दिखाया गया है।
तो सबसे आवश्यक आमजन को यह है कि वह सारा माल खुला, देखभाल कर छोटे दुकानदारों, ठेले वालों, सब्जी वालों से अपने कपड़े के थैले में खरीदें। ताकि वह पन्नियों, पोलिथीन का कचरा होगा ही नहीं, तो मिलेगा, दिखेगा भी नहीं, तो गायों के पेट में भी नहीं जायेगा। इससे पर्यावरण भी दूषित नहीं होगा।
निवेदक लेखक एवं प्रस्तुति प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
|