महामारी की यही कड़वी सच्चाई है। याद आ रही होंगी यह अमेरिकी कंपनियों वह डब्ल्यूएचओ उसकी पाखंडी संस्थाओं के इसारे पर सारा कृत्रिम ढंग से बनाया हुआ षड्यंत्र है।
जनसंख्या कम करने के लिए बीमारी के नाम पर जानबूझकर 24 घंटे दहशत बांट मुंह पर मास्क बांधकर लोगों को जानबूझकर बीमार बनाकर जानबूझकर हत्या की जा रही है।
मोदी ने यह बात स्वयं संसद में स्वीकार की। जिसका यह वीडियो ज्वलंत प्रमाण है।
इसके विपरीत मैं शुरू से कह रहा हूं कि सब लोग भारत के हिंदू मोदी, शाह जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के, खास तौर पर माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट जिसका डिपापुलेशन फाउंडेशन है उद्देश्य दुनिया की जनसंख्या को कम करना, कोरोना के नाम पर डराओ धमकाओ, बीमार बनाओ हत्याएं करो उसके नाम पर खतरनाक वैक्सीन लगाओ ताकि युवा पीढ़ी लोग नपुंसक हो जाए, 40-45 से ऊपर वालों बीपी डायबिटीज व अन्य बीमारियों के शिकारों की मौत हो जाए और जो बचें उन तीसरी लहर के नाम पर उनकी मौत हो जाए।
और देश की कंपनियों को टीका बनाने के नाम पर 55 लाख डालर की मदद दी गई थी आखिर में क्यों?
अर्थात पूर्व नियोजित षडयंत्र के अंतर्गत वह टीका भी, 18 से 45 तक के लोगों को नपुंसक, ज्यादा को बीमार बना मौत देने के लिए ही है। ताकि जनसंख्या कम हो, इसीलिए सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को विवश किया गया ताकि एक तरफ खत्म होंगे ज्यादा तनखा वाले कर्मचारी अधिकारी को मौत दे, पेंशन बांटने व मोटा धन देने की परेशानी से सरकार बच जाएगी। दूसरी तरफ जितने भी नए कर्मचारी भर्ती किए जाएंगे उन सबको संविदा पर कम वेतन पर नियुक्त कर लिया जाएगा जिसे विदेशी सरकारें ने चला लेंगी। अर्थात मोदी पूर्णता बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कठपुतली बन पूर्णता गुलाम बना कर देश को बर्बाद करने पर तुला हुआ है।
चीन इसके विपरीत विश्व शक्तियों को नहीं सुन रहा। विश्व के किसी अन्य देशों की दवाइयों को टीके को अपने यहां ना तो आयात करता है। ना लोगों को किसी प्रकार का टीका लगवा रहा है। वह जानता है बीमारी नहीं है इसलिए उसने पूरे देश में बुहान को छोड़कर कहीं पर भी लॉकडाउन भी नहीं किया।
ना ही टीके के लिए परेशान कर रहा है। क्योंकि वह इनके षड्यंत्र को, फैलते और दुनिया को खत्म होते देखने के बाद वह हमारे को को भी कमजोर करके रूस के साथ मिलकर अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस और भारत पर आक्रमण कर इन शक्तियों को खत्म करके, इनकी इन नौटंकीयों को खत्म करने के बाद पूरी दुनिया पर राज करने का मंसूबा बांधे बैठा है।
अभी दुनिया बाकी है।
अभी मैं धरती पर हूं।
कुछ नहीं, बिना इन शैतानों से घबराए। जो भी जिस धर्म और जिस इष्टदेव देवता को मानते हैं।
कम से कम 15-15 मिनट सुबह और शाम पूर्णता आत्म केंद्रित होकर मंदिर में भगवान, या घर पर अपने देवी-देवताओं से प्रार्थना करें। अपनी, अपने परिवार की, समाज की, देश की, रक्षा के लिए
और शैतानों मोदी, अमित शाह, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, बिल गेट, वारेन बुफेट, जेन बेजोफ जो इस कोरोना की आड़ में देश के सारे व्यवसाय पर कब्जा कर 30 करोड़ लोगों को बेरोजगार बना, 100 करोड़ लोगों को भूख से मार् देना चाहते हैं।
इसके लिए प्रति मंगलवार और शनिवार हो सके तो रोज पीपल के नीचे यह काम , अपने परिवार समाज व देश की सुरक्षा के लिए और शैतानों की मौत के लिए, सरसों के तेल का दिया भी लगाएं।
यथार्थ में देवी देवता या दीपक या पीपल, जो है सो है पर आपके मस्तिष्क से मंत्र उच्चरण और कामना के बहाने जो मस्तिष्क की तरंगे ब्रह्मांड में फैलेंगी। यथार्थ में तो खेल वह करेंगी। ब्रह्मांड में, कम से कम पृथ्वी के वायुमंडल में करोड़ों लोगों के मस्तिष्क से निकली संघनित तरंगे एकत्रित होकर चांडालों को खंड खंड बिखेर देंगी।
अभी कुछ नहीं बिगड़ा है। जो हुआ सो हुआ।
यदि 20 करोड लोगों ने भी यह कार्य करना शुरू कर दिया।
तो हम 100 करोड़ लोगों को बचा पाएंगे।
जब दुनिया खत्म हो रही होगी। तो हम उस पर राज कर पाएंगे। इसको गहराई से समझें।
मंथन करें।अपने साथ परिवार के लोगों का भी सहयोग लेकर ध्यान प्रार्थना और दिया लगाना शुरू करें।
आप छोटे-बड़े नहीं आप भी मोदी, शाह, अडानी, अंबानी की तरह एक इंसान हैं।
आपका अस्तित्व भी इस ब्रह्मांड में और पृथ्वी पर एक पूर्ण मानव की भांति है।
जो मानव से दानव बन गए हैं। आप मानव से महामानव बनकर उनका संहार कर दीजिए। आप अपनी शक्तियों को पहचानिए।जगाईए और जुट जाइए।
यदि संकल्प लेंगे तो विजय निश्चित है।
अन्यथा सरकार तो कीड़े मकोड़ों की तरह मारने पर तुली है।
अब आप देखें कि मानव से महामानव बंद कर अपनी अपने परिवार समाज और देश की रक्षा करेंगे। या पुनः अगर जीवित रहे, तो गुलाम बनकर जीना पसंद करेंगे।
जीवन है। आपका मर्जी है। आपकी। या तो करो, या मरो।
करके दिखलाओ और सिद्ध करो कि आप भी एक मानव के रूप में, दैवीय शक्तियों का आवाहन कर शक्ति संपन्न बने। कुछ मत करिए केवल ध्यान कर सकते हो 15:15 मिनट सुबह और शाम तो भी अंतरराष्ट्रीय शक्तियों को खंड खंड मिट्टी में मिला सकते हैं।
जागिए और जुट जाइए।
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