जिसने सरकारी दबाव और होशियारी में टीका लगवा लिया है। थर्ड वेरिएंट में अपना सामान समेट लेना इस समूह को छोड़कर ही कहां जा रहे हो धरती को छोड़कर भी जाना है।
मैं हीं हूं। जो लगातार टीका लगवाने से रोक रहा था। क्योंकि मैं गुजरात माडल का उस पाखंडी का टीका केवल अपनी बहादुरी और महानता दिखाने के लिए लोगों को बिना उचित उसके विधि-विधान को पूरा जानवरों से लेकर बाद में मनुष्य तक पहुंचने की प्रक्रिया को पूरा ही नहीं किया। इसमें 15 से 20 साल लगते हैं 4 महीने में टीका कैसे बना लिया दिनांक चूहों से बंदरों तक पांच प्रकार के जानवरों पर बिना परीक्षण निरीक्षण और परिणाम के कौन सी मौत ब्लैक वाइट फंगस, बुखार हृदयाघात से मौतों की संख्या टीका लगने के बाद ज्यादा बढ़ी। पहले 14 दिन बाद फिर 28 दिन बाद फिर 2 महीने बाद 3 महीने बाद पहले के बाद दूसरा दूध लाने में समय क्यों बढ़ाया जा रहा है और सरकार ने स्वयं स्वीकार कर लिया कि जबरदस्ती टीका नहीं ठोका जाएगा। फिर भी टीचर के ऊपर मोटी कमाई के लिए सारे मुख्यमंत्री चाहे वह कांग्रेस का बीजेपी का आपका टीएमसी का सारे डॉक्टर अस्पताल क्यों दबाव बना रहे हैं जब स्वयं वे जानते हैं की है सब कुछ अनुचित है पर मोटी कमाई सरकार की वाहवाही और बहादुरी दिखाने के लिए उन लोगों की मौत का तांडव किया जा रहा है।
और दूसरी तरफ सबसे महत्वपूर्ण यह सारा माइक्रोसॉफ्ट का बिल गेट्स, अमेजॉन, वॉलमार्ट का षड्यंत्र जो डब्ल्यूएचओ के माध्यम से उस जाहिल चांडाल को खरीद कर भारत के सारे खाद्य व्यवसाय पर कब्जा करके 30 करोड़ लोगों को बेरोजगार करके गुलाम बनाने व जनसंख्या कम करने का 40 साल पुराना षड्यंत्र का हिस्सा है।
यह बात मैं लगातार पिछले 20 सालों से लिख रहा हूं। इस महामारी के हर पहलू की तरफ पिछले 14 महीने से लगातार अपने समूह के सदस्यों को हर कदम सावधान करते हुए सूचित कर रहा हूं।
मेरे नियमित पाठक जानते हैं प्रभु का आशीर्वाद है मेरे लिखे हुए लेख तत्काल समझ में आंए ना आंए।
पर सत्यता के साथ भविष्य की चेतावनी अवश्य देते हैं। और आमजन को सूचित व सतर्क करने का प्रयास सतत जारी रहता है। ताकि उनका, उनके परिवार का, समाज का, नगर, प्रदेश, देश और दुनिया का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
निवेदक एवं प्रस्तुति
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
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