दो चान्डालों ने देश की सत्ता पर कब्जा करके 7 साल से देश को तबाही दे रहे
दो चान्डालों ने देश की सत्ता पर कब्जा करके 7 साल से देश को तबाही दे रहे हैं। वैसे ही इंदौर की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन का चहेता होने के साथ, घोर भ्रष्ट पूर्व का पार्षद, इंदौर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष रहते हुए भू व कालोनी माफियाओं के इशारे पर नाचने वाला घोर जालसाजी से जमीनों की हेराफेरी में करोड़ों रुपए कमाने व फायदा करवाने वाला, लूटो लुटाओ में विश्वास करने वाला, पिछले साल भी देखा आपने यही शंकर लालवानी किशोर वाधवानी के रु 7000 करोड़ के असली नकली सिगरेट, गुटखा बिकवाने में, कलेक्टर मनीष सिंह के साथ मिलकर कैसा खेल किया? और अभी भी इन दोनों चांडालों ने फैक्ट्रीयों, उद्योगों बाजारों, मंडियों, को तालाबंदी की आड़ में कैसे खुली लूट का तांडव मचाए हुए हैं? जिसमें एक तरफ किसानों की फल सब्जी अनाज आदि को उन्हें अपने भाव में खरीदवाकर, सारा फायदा बहुराष्ट्रीय कंपनियों वॉलमार्ट का बेस्ट प्राइस, बिग बाजार, रिलायंस रिटेल, डी मार्ट आदि को ऑनलाइन ओर ऑफलाइन करोड़ों रुपए रोज की बिक्री करवा कर मोटे लाभ में से 25% का हिस्सा मार रहे हैं। हालांकि हैं इन चांडालों ने थोक सियागंज और सब्जी व फल मंडिया बंद करके केवल किराना दुकानों को 12:00 बजे तक खोलने के लिए जो छूट दी है। 90% किराना दुकानों को भी इन्हीं शॉपिंग मॉल से माल खरीद कर जनता को बेचना पड़ रहा है जिसमें वे उनको कोई डिस्काउंट वगैरह नहीं देते। बल्कि सारे व्यापार को ऑनलाइन करवा कर उनका सारा डाटा इकट्टा करते हैं। उसके बहाने उन पर नजर रखी जाती है। कौन से किराना व्यवसायी पर कौन सा किस चीज का माल ज्यादा बिकता है? किसकी कितनी बिक्री होती है? किस मोहल्ले में किस स्तर के लोगों को किस माल की ज्यादा जरूरत पड़ती है? उसके डाटा की सूक्ष्मता से अध्ययन कर रहे हैं। रू90 लीटर का खाने का सोया रिफाइंड तेल रु 160,70, 80, 90 तक पहुंच गया। वही हाल आटा दाल चावल से लेकर सब्जियों फलों तक में हो रहा है। दूसरी तरफ अस्पतालों को खुली लूट का तांडव करने की छूट देकर कैसे जनता को लूटवा रहे हैं। ऑक्सीजन, रेमडिशबियर स्टीरोइड जिसका चिकित्सीय कोई बीमारी को ठीक करने का आधार नहीं है फिर भी कसाई डॉक्टर जानबूझकर मरीजों के परिजनों से ₹20, 30 के इंजेक्शन को जिसकी एम आरपी रु890/- है।रु30हजार ₹40000 से लेकर लाख में बिकवा कर, जबकि उसमें मात्र ₹10 का स्टीरोयड डेक्सामेथासोन इंजेक्शन से मरीज ठीक होता है। फिर बेड की व्यवस्था में भी एडीएम एसडीएम निजी व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर फर्जी भर्ती दिखाकर बैड देने के नाम पर भी लाखों रुपए वसूल कर अरबों रुपए रोज का तांडव कर रहे हैं। बेशक हिस्सा सारे भाजपा के साथ कांग्रेसी विधायकों को भी मिल ही रहा होगा। इसलिए वह भी चुप है। अन्यथा सब के सब चारों तरफ सरकार पर कलेक्टर पर कमिश्नर पर निजी व सरकारी डॉक्टर पर भोंकते, प्रेस कॉन्फ्रेंस और चिल्लाते नजर आते। जनता को प्रतिदिन रुपए 100 करोड़ से ज्यादा से लोग लुटवाने के बाद भी अकाल मौतों का तांडव चल रहा है। जनता ने वैसे शंकर लालवानी को सांसद बनाया नहीं उसे ईवीएम के फ्रॉड से जिताया गया। ये सिंधी घोर लालची, जिसने अनेकों पाकिस्तानी मुसलमानों को भी सिंधी बनकर आए और मोटा पैसा देकर आराम से इंदौर में और पूरे मध्यप्रदेश में अपने सत्ता के सांसद होने का का उपयोग करके न केवल इंदौर में बल्कि पूरे प्रदेश में, देश में अरबों रु हजम कर भारतीय नागरिकता और आधार कार्ड दिलवा दिए। फिर घर भ्रष्ट 20 साल से इसी शहर में कुंडली मारे बैठे मनीष सिंह के भ्रष्टाचार जालसाजी लूटपाट और जमीनों की हेराफेरी में तो अपना लंबा पुराना इतिहास रहा है इसीलिए इस प्रमोटी कलेक्टर को 28 मार्च 2020 को इंदौर में वसूली करने के लिए बैठाया गया। अब इनके तो बाप मोती सिंह का रिकॉर्ड भी जिसने यूनियन कार्वाईड में 2लाख से ज्यादा लोगों को मौत हुई थी। 6 दिसंबर 1984 को जब लोगों की लाश टपक रही थीं। तब उनको राशन पानी अस्पताल औषधियां दवाइयां और राहत देने के अपेक्षा मोती सिंह एंडरसन से मोटी रकम वसूल उसको अपनी जीप में यूनियन कारवाइड से प्रभावित क्षेत्र घुमा कर हवाई अड्डे पर भगाने गया था। वैसे ही जैसे पिछले वर्ष जब इंदौरी जनता बीमारी और बेरोजगारी के कारण भूख से हाल बेहाल थी। तब चांडाल सिंग व लालवानी, किशोर वाधवानी से मात्र 3 महीने में 180 लंबी कॉल करके उससे बात करते हुए उसका व्यवसाय पार्टनर बनके शंकर लालवानी और मनीष सिंह उसका रु7000करोड का, सिगरेट गुटका बिकवाने में लगे थे। जिसका रिकॉर्ड सीजीएसटी की इंफोर्समेंट विंग ने हीं टेलीफोन की रिकॉर्डिंग निकाल कर सार्वजनिक कर भास्कर में छपाया था। इसके विपरीत वह घोर भ्रष्ट, जालसाज, बेशर्म शिवराज और सिंह जो पूरा प्रदेश का प्रशासन व लेन देन संभालती है। ने फिर भी इस घोर भ्रष्ट मनीष सिंह को यहां से टस से मस नहीं किया। और यही कारण था इंदौर मैं जानबूझकर तालाबंदी करने के लिए बारीकी से पुनः षड्यंत्र की रचना की। सारे शहर के गली मोहल्लों में सुबह से ही सारी नगर निगम की कचरा गाड़ियां केवल बीमारी की दहशत बांटते हुए दूसरी कोई भी ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनाएं बिना घूमते हुए, के साथ सारे मोबाइलों टीवी और समाचार पत्रों में 13 महीने से लगातार दहशत बांटकर और मुंह पर मास्क बांधने के लिए विवश कर अन्यथा जेल की व्यवस्था ताकि लोग मजबूरी में मुंह पर मास्क बांधकर अपना ही दम घोंटने और ऑक्सीजन की कमी से ज्यादा से ज्यादा बीमार हों। बीमारी और मौतों की हा-हा कार हो, आंकड़ा जानबूझकर बढ़ाया गया। ताकि हर तरफ से लूट वसूली का तांडव कर अपने राक्षस आका और राक्षसी के चरणों में डाल निरंतर लूट की पूरी छूट का आशीर्वाद मिल सके। प्रभु से, प्रार्थना है कि ऐसे सारे चांडाल राक्षसों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्रियों, शिवराज, योगी, स्वास्थ्य मंत्रियों हर्षवर्धन, मुख्य सचिवों, प्रधान स्वास्थ्य सचिवों, आयुक्तों कलेक्टर कमिश्नर निगम कमिश्नर, डॉक्टरों कसाइयों को भी जो यह मौत का तांडव कर रहे हैं। अकाल शीघ्र मृत्यु दे। ताकि 140करोड़ लोग राहत की सांस ले जीवन गुजार सकें। निवेदक प्रस्तुति एवं लेखक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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