गुजरात महाराष्ट्र के बॉर्डर पर मोतीझरा हो रहा है और इलाज किया जा रहा है।
कोरोना का, इसलिये ज्यादा मौतें हो रही हैं।
वही हाल निमोनिया, मलेरिया, इनफ्लुएंजा, डेंगू, वायरल बुखार, टीबी, अस्थमा, स्वांस की बीमारियों को भी इन सब में भी सर्दी खांसी बुखार और कफ बनने से सांस लेने में परेशानी होती है। फिर डायबिटीज, हार्ट अटैक, लीवर, किडनी, डायरिया, पेचिश, पीलिया, सब के मरीज सब धान 22 पसेरी कर कोरोना नकारात्मक सकारात्मक कर एक ही इलाज कर जानबूझकर अस्पतालों में मौत का महोत्सव मनाया जा रहा है।
देश, प्रदेश, शहरों में डॉक्टरों का पता नहीं, सब गायब हैं, सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में नर्सों और वार्ड बॉय को,जो समझ में आ रहा है वह बेचारे मजबूरी में कर रहे हैं। और अंत में वे सब से परेशान होकर भी जो मिला इंजेक्शन ठोक जानबूझकर मौतौं का तांडव कर हजारों लोगों को अकाल मृत्यु बांट रहे हैं।
सरकार, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रियों सारे सचिवों से लेकर जिला प्रशासन, कलेक्टर, निगम कमिश्नर, सीएमओ, एस पी, आई जी, डी जी, टीआई तक सब खुश हैं। क्योंकि मौतौं की आड़ में आसानी से लाकडाउन का नाटक खेल कर सारे बाजारों को बंद करने का व लूट ने का बहाना मिल जाता है।जिससे सारी दुकानों, व्यवसाय उद्योगों को बंद कर आर्थिक रूप से चौपट कर अंत में फायदा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शॉपिंग मॉल को पहुंचता है। जिनसे इन टुकड़खोर श्वानों को करोड़ों रुपए हर महीने टुकड़े मिलते हैं।
जनता इसे समझे।
लेखक निवेदक एवं प्रस्तुति
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र इंदौर
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