महामारी के इस भयावह काल से बचने व सुरक्षित निकलने के लिए
कुछ शास्त्रोक्त प्रयोग दे रहा हूं आज शनिवार है शाम से लेकर रात १२बजे तक सरसों के तेल का दीपक किसी पीपल के नीचे लगाएं और वहां आसन बिछाकर पद्मासन की मुद्रा में अर्थात आलती पालती मार कर बैठे और अपने दोनों हाथों के अंगूठे को चारों उंगलियों में दबाकर मुट्ठी बना लें इसे आदिमुद्रा कहते हैं। जिसका हस्त मुद्रा शास्त्र में काफी वर्णन है। और मुट्ठी को उल्टा करके आलती पालती की मुद्रा में दोनों दोनों घुटनों पर हाथ रखकर वहां 15 मिनट जिस देवी देवताओं को आप मानते हैं।
उनसे प्रार्थना करें अपने स्वयं के रोगों को दूर करने की अपने परिवार के उस व्यक्ति की उसका नाम लेकर सारी बीमारियों से रक्षा करने की प्रार्थना करें और परिवार को हर बीमारी परेशानी आर्थिक तंगी से सुरक्षित करने के लिए प्रार्थना करते रहें।
अगर आप जाप करते हों तो जाप करें। अपने इष्ट देव अपने कुलदेवता कुलदेवी से भी प्रार्थना कर सकते हैं।
इससे परिवार की आर्थिक सामाजिक और बीमार बीमारियों की परेशानी को सुरक्षित करने की प्रार्थना करते रहे तत्काल देखिये। और सभी प्रकार की बीमारियों व परेशानियों से आप को आध्यत्मिक मानसिक सुरक्षा मिलेगी व लाभ होगा।
यह शास्त्रोक्त ऋषियों मुनियों का आध्यत्मिक अचूक उपाय है।
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