गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी से शुरुआत हुई है चांडालों के गिरने की मोदी, अमित शाह, शिवराज सिंह, योगी के साथ सभी जनता को लूटने, नोंचने वाले, परेशान करने वाले डॉक्टर्स, कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस, अधिकारी, निगम के कर्मचारी और अधिकारी. मीडिया के न्यूज़ चैनल शोले अखबार वाले आखिर हैं, तो इंसान ही ना।
दूसरों को दहशत बांटते, तालाबंदी से बेरोजगार बनाकर भूख से मारते स्वयं भी इसी प्रकार अकाल मृत्यु का शिकार होते रहेंगे। बेशक मृत्यु तो सभी की निश्चित है तो फिर ये बचाने की अपेक्षा अकाल मारने का जो षड्यंत्र कर रहे हैं। तो कब तक?
#जो किया है, भरना तो यही पड़ेगा। लूट कर पैसा इकट्ठा कर लो। पर चान्डालो सभी मुट्ठी बांधकर आए थे और हाथ पसारे ही जाएंगे।
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