अजमेर उवाच
जितने दिन देश में लाक डाउन रहेगा राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सारे सर्वोच्च उच्च व जिला न्यायालयों के न्यायाधीशों से लेकर से सभी केंद्र व राज्य सरकारों के सभी मंत्री से लेकर शासकीय विभागों के मुख्य सचिव से लेकर प्रधान सचिव आयुक्त संचालक जिलों की कलेक्टर कमिश्नर से लेकर सभी सरकारी विभागों के चपरासियों तक जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के घोर धूर्त मक्कार चांडाल डॉक्टर जो वेतन लेने के बाद में भी नॉन प्रेक्टीसिंग अलाउंस लेते व निजी प्रैक्टिस भी करते हैं। अस्पताल की दवाई चुराकर भी बेंचते हैं और लोगों के किडनी लीवर आंखें दिल इस महामारी की आड़ में निकाल कर बैच कर खा रहे हैं। किसी को भी जब आम नागरिक को लॉक डाउन से उसका सारा व्यापार व्यवसाय चौपट कर बेरोजगार बनाकर भूख से मारा जा रहा है।
किसी सरकारी को भी वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं व वाहन आदि नहीं मिलेंगे। क्योंकि वेतन जनता के रोजगार करने धंधा पानी करने से प्राप्त हुए टैक्स से ही प्रधानमंत्री से लेकर चपरासी तक सबको बांटी जाती है जब आम नागरिक के पास काम नहीं बेरोजगार है और तालाबंदी में फंसा हुआ पड़ा है। दो वक्त की रोटी का ठिकाना नहीं है। तो उसको करों से लूट कर उसके धन से इन सरकारी कर्मचारी मंत्रियों संत्रियों, सचिवों, डॉक्टर न्यायाधीशों पुलिस नगर निगम कर्मियों को भी वेतन क्यों किया जाना चाहिए जब आम नागरिक बेरोजगार होकर भूख प्यास से परेशान होकर घरों में बंद कर दिया गया है तो सभी कर्मचारियों अधिकारियों को निशुल्क बिना वेतन के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से लेकर कलेक्टर कमिश्नर चपरासी डॉक्टरों निगम कर्मियों काम लिया जाना चाहिए अपने बाप की जागीर नहीं जनता से लूटा हुआ धन जिसकी अपने हाथ में आने के बाद बंदरबांट मचा कलयुग के खाते रहो और जिस जनता के धन से आप मौज मस्ती उड़ा रहे हो वह जनता भूखी मरती रहे आखिर क्यों और कब तक?
निवेदक लेखक एवं प्रस्तुति
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर www.samaymaya.com
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