अजमेरा उवाच
जब नौकरी पेशा आदमी को काम नहीं तो वेतन नहीं तो।
सांसदों विधायकों पार्षदों पंचों सरपंचों को जनता के धन से मुफ्त वेतन क्यों?
देश का प्रधानमंत्री, राज्यों के सभी मुख्यमंत्री, सभी मंत्रालयों के मंत्री गण, सांसद, विधायक निगमों पालिकाओं के पार्षद से लेकर गांवों के पंच सरपंचों तक सभी चुने हुए प्रतिनिधियों को जब तक वह अपने कार्यालय में ना बैठे सरकार के कामकाज को ना देखें तब तक नो वर्क नो पे के आधार पर किसी को तनखा नहीं दी जानी चाहिए दूसरी तरफ चुनाव आयोग तो बिकाऊ भरवा है प्रधानमंत्री मोदी का इसके विपरीत जब आप व्यक्तिगत स्तर पर अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार करने जाते हो तो सरकारी हवाई जहाज क्यों सरकारी वेतन भत्ते और सुविधाएं क्यों आप के बाप की जागीर नहीं है देश और देश की जनता से लूटा हुआ धन, मोदी चांडाल जो मन चाहे तरीके से 300 गुना तक पेट्रोल डीजल पर करो मैं लूटो, चांडालों, चुनाव मैं अपने पद और गरिमा को त्याग जनता का पैसा का दुरुपयोग करते हुए चुनाव में अपनी सरकार बनाने के लिए लुटाओ, जितने दिन जो भी सरकारी मंत्री प्रधानमंत्री विधायक सांसद अपनी पार्टी का प्रचार करने अपने कार्यालय और संसदीय क्षेत्र विधानसभा क्षेत्र से दूर रहे उसको आधिकारिक तौर से छुट्टी लेनी चाहिए और उसका उतने दिन का वेतन काटा जाना चाहिए उसे कोई भी आकस्मिक अवकाश चिकित्सा अवकाश और पीएल और इएल लेने की कोई पात्रता नहीं होनी चाहिए। जितने भी मंत्री पार्षद सांसद मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री अपने कार्यालय और संसदीय क्षेत्र से दूर होने पर उन सब का पूरा न केवल वेतन, सारे भत्ते काटे जाएं, यदि भाई किसी भी तरह की चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी मशीनरी हवाई जहाज, गाड़ियां, बंगले, निवास, सुरक्षा, संचार साधनों आदि पर जो भी खर्च होता है।
उसके व्यक्तिगत खर्च से वसूल किया जाना चाहिए।
इस मामले में सारे नेता एक सुर में भेड़ियों की तरह हुआ हुआ करने लगेंगे।
नेतागिरी सफेदपोश, लूट, डकैती, सरकारी सुख-सुविधाओं को जनता के धन से सदुपयोग करना, कौन सी देश सेवा होती है जब एक आम सरकारी कर्मचारी अधिकारी अपने व्यक्तिगत काम से जाता है तो उसे बाकायदा अपनी छुट्टियां स्वीकृत करवानी पड़ती हैं तो मोदी, अमित शाह सारे मंत्रियों मुख्यमंत्रियों विधायकों क्या आप का थोबड़ा ना विधानसभाओं में खुले। ना लोकसभा में खुले और पूरी तनखा लेते रहे।
सुख सुविधाओं को उपभोग करते रहें तो यह देश मोदी के बाप की जागीर है जो सरकारी जहाज, एक बार चुने जाने के बाद उसका भरपूर सदुपयोग और दुरुपयोग करो और देश की जनता के रक्त से इकट्ठे कर का भरपूर सदुपयोग करो। और जनता को कीड़े मकोड़े समझ कर उसको खून के आंसू रुलाते हुए बेरोजगार बनाकर भूख से मारते रहो चांडाल हरामखोरो।
निवेदक लेखक एवं प्रस्तुति प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
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