पिछले 70 सालों से डब्ल्यूएचओ और भारत के एजेंट इन डॉक्टरों ने इस देश को क्या दिया वैक्सीन की बात कर रहे हैं। जनता को अस्पतालों में भर्ती करने के बाद जब वायरस नहीं दवाई नहीं बीमारी सर्दी खांसी जुकाम की जो 14 दिन के चक्र में वैसे ही अपने आप पूरी होकर ठीक हो जाता है। आदमी तो यह पाखंड क्यों? फिर साल भर से पाखंड चल रहा है ना महामारी का। मर गए 10-20 करोड़ लोग 140 करोड़ में से। इसके बाद में भी अस्पतालों में भर्ती किया करते ही विभिन्न प्रकार की जांचें जाटों के नाम पर चारों तरफ भारी लूट पैथोलॉजी लेब में पर्याप्त शिक्षित एमएससी या एमडी पैथोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं जांच करने वाले आठवीं दसवीं पास फेल पांच ₹7000 महीने के कर्मचारी। फिर पति मजीद मरीज के नाम से 180000 से ढाई से तीन लाख रोहतक का बिल केंद्र सरकार से वसूला जा रहा है केवल उसी का नाटक है ना और वैक्सीन जिसको बनाने में 15 से 20 साल लगते हैं 6 महीने में तैयार, लगाने के बाद हजारों बीमार सैकड़ों की मौत उसके बारे में कमीशन खोर डॉक्टर लौंडे आपका क्या जवाब है?
आपने कितनी vaccine लगाई और फर्जी सुई से जनता को दिखाई जिसकी सुई ही अंदर घुस जाती है।चमड़ी में घुसने की अपेक्षा लगवाने का नाटक कर जनता को भ्रमित कर बीमार बना कर जिंदगी भर लूटते रहना। आप कितने इमानदार है? पहले अपने आप को झांक कर देखिए फिर जनता को समझाना और सरकार का जहां तक सवाल है जहां भेड़िए गुंडे तड़ीपार सत्ता में बैठे हो पिछले 7 सालों में कदम कदम पर लूट पाखंड और बर्बादी के बाद क्या दिया देश को देश की जनता को और फिर भी मुंह चलाने से बाज नहीं आ रहा हरामखोरों।
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