स्वास्थ्य विभाग लूट और डकैती का कदम कदम षडयंत्र
खंड 1
मध्यप्रदेश में चुनाव टालना है। इसलिए कोरोना के मरीज बढ़ते हुए दिखाये जा रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, मुंह पर मास्क बांधने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों जो घोर धूर्त चांडाल जो एक तरफ 50% नान प्रैक्टिसिंग अलाउंस लेते हैं। दूसरी तरफ 95% डॉक्टर्स दूसरे निजी अस्पतालों में जाकर प्रैक्टिस व ऑपरेशन करते हैं, या अपने घर वालों के नाम से बड़े बड़े नर्सिंग होम हॉस्पिटल चला रहे हैं हर शहर में। और मोटी कमाई करते हैं पर बेशर्म नाम प्रैक्टिसिंग अलाउंस नहीं छोड़ते सरकार के कलेक्टर कमिश्नर लोकायुक्त वा ई ओ डब्ल्यू जानती है फिर भी इन हरामखोर जालसाजों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाती। फिर खेल यहीं खत्म नहीं होता। हर जिले का सीएमओ हर कदम पर ना केवल अस्पतालों की खरीदी आपूर्ति जिसमें दवाइयां गोलियां, इंजेक्शन, चादर, कंबल तकिए, गद्दे के, फर्नीचर हॉस्पिटल की मशीनों की खरीद के साथ उनके सुधार व अन्य सेवाओं में यहां तक कि पेट्रोल-डीजल जो स्वास्थ्य विभाग की गाड़ियों में लगता है उसमें भी भारी भ्रष्टाचार करता है अनेकों गाड़ियां हर साल बिगाड़ कर खड़ी कर दी जाती हैं परंतु उनके सुधार के व पेट्रोल डीजल इंजन आयल आदि के बिल तक लगातार बनते वसूली की जाती है। इसमें ही हर जिले में करोड़ों रुपए के घोटाले कर हजम कर लिए जाते हैं।
फिर केंद्रीय शासन की 12 से ज्यादा स्वास्थ्य योजनाओं में और राज्य शासन की 9 से ज्यादा स्वास्थ्य योजनाओं में जो आवंटन आता है उसमें भी हर कदम कदम फर्जीवाड़ा और जालसाजी से अरबों रुपए हजम कर लिए जाते हैं हर जिले में।
फिर 1 साल से महामारी के पाखंड की आड़ में पूरे मध्यप्रदेश में रुपए 20 से 30 हजार करोड़ का भारी घोटाला किया गया है। जिसमें मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव प्रधान सचिव सुलेमान आयुक्त और नीचे जिलों के व संभाग के कलेक्टर कमिश्नर सी एम ओ, विकासखंड स्तर के बी एम ओ तक सब लूट और जालसाजी के पाखंड में शामिल होकर दोनों हाथ से धन बटोर रहे हैं। इसलिए यह महामारी का लूट और डकैती का पाखंड खत्म करने को तैयार नहीं।
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