विधान सभा में होने वाले हंगामे को रोकने के लिए कोरोना से बढ़िया कोई बहाना नहीं

अभी तो सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। विधान सभा में होने वाले हंगामे को रोकने के लिए कोरोना से बढ़िया कोई बहाना नहीं हो सकता। क्योंकि विपक्ष भी है तो मजबूत और वह पेट्रोल-डीजल, गैस की कीमतों, पुराने भ्रष्टाचार के कांडों, रेत खनन, जहरीली शराब से होने वाली मौतों, कर्मचारियों के महंगाई भत्ता, वार्षिक वेतन वृद्धि पुराने लंबित भुगतान जैसे सैकड़ों मुद्दों पर सरकार को गिरेगा और कोरोना का अस्त्र अचूक काम करेगा। महामारी फैला दो। इंदौर भोपाल में पहले विधानसभा टाल दो, या खत्म करवा दो समय से पूर्व फिर भेड़ियों का इतिहास 15 साल पुराना बताता है कि कोई भी विधानसभा सत्र बिना महामारी के भी पूरा नहीं होने दिया गया तो अभी तो महामारी सबसे बड़ा बहाना है ही। बेशक कांग्रे स्कोर अपनी इज्जत बचाने के लिए पहले ही 22 55 करोड़ सारे विधायकों को बांट कर चार पांच सौ करोड़ रूपया करें उन्हें खर्च कर भी दिए तो वह भी भूखे सारे नेता 5करोड पाकर थोड़ी सी नूरा कुश्ती दिखा कर सत्ता की हां में हां करते हुए सत्र खत्म करवा देंगे जैसा कि इतिहास रहा है। फिर निगम पालिकाओं के चुनाव निश्चित हार के मद्देनजर आसानी से महामारी की आड़ में टाल दो। और चलने दो जो अधिकारियों की लूट और स्थानांतरण उद्योग से मोटी कमाई का खेल चल रहा है। पैसा तो पहुंच ही रहा है, ना। शहरी विकास का, नगर निगमों, पालिकाओं से लेकर महिला बाल विकास, हजारों करोड़ के बार-बार कर्जा लेने जबकि आय, पर्याप्त हो रही है। फिर शराब, पेट्रोल, डीजल, खाद्य तेल, दैनिक उपयोग की वस्तुएं आटा दाल चावल शक्कर आदि दैनिक उपयोग की वस्तुओं की महंगाई की अनाप-शनाप कीमतों में वृद्धि परिवहन, खनन, आदि की आई कहां जा रही है फिर सरकारी लूट का तांडव चारों तरफ चल रहा है जो राशन की दुकानों से गेहूं चावल आदि में हजारों करोड़ के भारी घोटाले, किसान की फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि के सरकारी पाखंड और वास्तविकता में यथार्थ से दूर सारे तथ्यों पर विपक्ष गहरे का इससे बेहतर होगा करुणा की आड़ सत्र को जल्द खत्म करके अपनी खाल बचाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। भेडियो झुंड पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराज व अन्य सभी मंत्री, इसलिए अभी से अपनी खाल बचाने का षड्यंत्र कोविड महामारी के आड़ में रचना शुरू कर दिया है। पिछले 11 महीनों में 140 करोड़ की आबादी में क्या 10, 20, 25 करोड लोग मर गए क्या? जहां हर दिन 3लाख बच्चे पैदा होते हैं वहां डेढ़ लाख व्यक्तियों की मृत्यु किसी भी बहाने होगी तो अवश्य ही। तो 11 महीने में डेढ़ लाख मर जाना कौन सा नया बहुत भारी मौतों का कारण बन गया। जिससे प्रदेश को और देश को छे छे महीने तक बंद करके रखा गया। और 11 महीने का सरकारी संपत्तियों को बेचने पेट्रोल कीमत डीजल गैस की कीमतें, बेहताशा बढ़ाने, चीनकी 4642 किलोमीटर लंबी सीमा पर मात्र बंगाल और सिक्किम में सेना को हटा दिया गया। बाकी लद्दाख के आगे असम अरुणाचल प्रदेश मणिपुर मैं जो उन्होंने अपने गांव बसा कर कालोनियां खड़ी कर दी उनका क्या हुआ एक जगह के फोटो दिखाकर तीर मारने वाले चोर कट मोदी सच्चाई कितनी छुपाओगी तुम, अपनी नाकामियों पाखंड केंद्र की और राज्य के संयंत्रों के लूट को स्पष्ट करता है। लेखक प्रस्तुति एवं निवेदक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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