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भेड़िया झुंड पार्टी के पूंजीपतियों के हाथों बिके हुए, टुकड़खोर सत्ताथीश कठपुतली हरामखोर नेता और अधिकारी, कलेक्टर कमिश्नर और पुलिस छोटे व्यापारियों को खत्म करने कदम कदम पर षड्यंत्र कर रहे हैं।
घोर भ्रष्ट डकैत लुटेरों की शासकीय फौज आखिर अगर तुम्हारी औकात है तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों को शॉपिंग मॉल में जाकर उनके सैंपल क्यों नहीं लिए।
जो जहरीले कीटनाशक जो किडनी लीवर ह्रदय कैंसर जैसी बीमारियां बांटते हैं। मिलाकर हरामखोर हर सामग्री को पैकेज करके अपने शॉपिंग मॉल से बेंचते हैं।
उनको क्यों नहीं पकड़ रहा है। यह षड़यंत्र बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए उनकी मनमानी लूट में बाधक कंटक, प्रतियोगी छोटी फैक्ट्रियां, छोटे उद्योग, छोटे दुकानदार के हीं सूअर के पिल्लों उन्हीं के नमूने लेते हो।
उन्हीं को पकड़ते हो, उन्हीं को बदनाम करते हो।
जबकि तुम्हारे पास ना तो अच्छी प्रयोगशाला है। जो प्रयोगशाला है उसमें विशेषण के अच्छे स्तर के रसायन नहीं।जांच करने के लिए ना ही प्रयोगशाला में मुख्य विश्लेषक के रूप में एमएससी केमिस्ट्री का उपाधि प्राप्त और प्रशिक्षित स्टाफ है। तो आखिर कैसे उनके सैंपल लेकर, बिना जांच किए अपने मन से ही हरामखोर उनकी फैक्ट्रियां, उद्योगों को तोड़ देते हो।
घोर भ्रष्ट बहुराष्ट्रीय कंपनियों और शॉपिंग मॉल के बिके हुए टुकड़ खोर पाखंडियों कानून तुम्हारे बाप की जागीर नहीं है। उसका जैसा चाहे मन चाहे उपयोग करो। गरीबों, छोटे दुकानदारों उद्योगपतियों को मिलावट के नाम पर परेशान करो।
कांग्रेसी चूड़ी पहन कर नाचने वाले इन छोटे उद्योगों को दुकानदारों को बचाने के लिए कोई आंदोलन नहीं कर रहे। कानून सत्ताधारी मंत्रियों नेताओं कलेक्टर कमिश्नर के बाप की रखैल नहीं है जिसकी चाहे फैक्ट्री तोड़ दो, दुकानें उजाड़ दो।
यदि कोई दुकानदार मिलावट कर रहा है तो उसका केवल नमूना ले सकते हैं। नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेजिए और उनकी रिपोर्ट खराब आने पर कानूनी कार्रवाई कीजिए न्यायालय में।
आप जब चाहे जैसे चाहे जहां चाहे, कानून को अपने बाप की जागीर समझ कर अपने आंकाओं के भ्रष्टाचार का मल सेवन करते हुए जानबूझकर उन्हें डराना धमकाना और छोटे उद्योगों, फैक्ट्रियों, दुकानदारों को खत्म करके, जनता को चांडाल पूंजी पतियों के हवाले करने का जो षड्यंत्र वह कंस मामा शिवराज कर रहा है। ज्यादा दिन का मेहमान नहीं। मोदी शिवराज और सारे भेढ़िया झुंड पार्टी के नेताओं मुट्ठी बांधे आए थे हरामखोरों हाथ पसारे चले जाओगे। समझो इशारे वरना मौत तो तुम्हारी भी निश्चित है।
जनता को खून के आंसू रुला कर तुम चैन से नहीं रहोगे यह याद रखना खंड खंड बिखर जाओगे।
मकड़ी अपना जितना बड़ा जाला फैलाती और बनाती है। उसमें उतना ही घुट कर उतनी जल्दी मर जाती है। तुम्हारी मौत भी तुम्हारे उसी जाले में हो जाएगी। याद रखना।
निवेदक, प्रस्तुति और लेखक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
www.samaymaya.com
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