|
देश में जल थल नभ सेनाओं में हर जगह अधिकारियों से लेकर सैनिकों तक की भारी कमी है। क्या खाक बनेगी सेना ताकतवर?
मोदी के आने के बाद लोग अब सेना में जाने से भी डरने लगे हैं।
क्योंकि ना पर्याप्त प्रशिक्षण, ना वेतन भत्ते और ना सुविधाएं सब पर कटौती यहां तक कि पीएम केयर्स फंड में अधिकारियों से लेकर सैनिकों से डरा धमका कर वसूली भी की गई।
नई भर्ती के ठिकाने नहीं जबकि लगभग 2000 पायलट, 10,000 से ज्यादा सैनिक जो ग्राउंड स्टाफ के लिए, अकेले वायु सेना को चाहिए प्रशिक्षित, 20,000 से ज्यादा सेकंड लेफ्टिनेंट के स्तर के अधिकारी चाहिए और 5 लाख से ज्यादा सैनिक थल सेना को,
वही हाल जल सेना का है जहां पाकिस्तान के कच्छ से लेकर कोलकाता तक की लगभग 7000 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमाओं पर भी ना केवल 200000 जल सैनिक 10,000 से ज्यादा अधिकारी चाहिए। वहां तो आपको लगभग 5 से 10 विमान वाहक पोत, 100 से ज्यादा पनडुब्बियों, आक्रमणकारी, सुरक्षा करने वाले 500 से ज्यादा जहाज, और 5000 से ज्यादा गस्ती स्टीमर से बड़ी नौकायें चाहिए। आपको एक साथ ना केवल चीन पाकिस्तान से युद्ध करना है वरन अमेरिका से हाथ मिलाने का खामियाजा भुगतने के लिए आपको रूस से भी युद्ध करना पड़ सकता है।
तो जब हम सारे हथियारों लड़ाकू विमानों को, जहाजों, पनडुब्बियों, मिसाइलों, टैंकों, तोपों को चलाने वाले प्रशिक्षित विमान चालक हथियार का उपयोग करने वाले सैनिक, अधिकारी ही नहीं होंगे। तो मोदी अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तुम्हारा बाप उन हथियारों के कबाड़े का अचार डालेगा।
सेना में भी हर साल अधिकारी और कर्मचारी रिटायर होते हैं या ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेते हैं। हर साल जल, थल, नभ सेेेेना में सैनिकों व अधिकारियों की भर्ती एक तरफ 6 साल से बंद पड़ी हुई है तो दूसरी तरफ सेना के हर अंग पर कटौती की जा रही है। वेतन भत्ते काटने से लेकर अन्य सुविधाओं को भी जिसमें कैंटीन सुविधा को भी खत्म कर दिया गया के साथ पूरे सैन्य बल में 30% कटौती की जा रही है। आखिर देश तुम्हारे बाप की जागीर है> मोदी जो देश को हर कदम कदम पर बर्बाद करोगे पनौती?
यहां तक की कांग्रेस के जमाने में जहां 40 दिन का गोलेे बारूद का भंडार रखा जाता था। उसने घटाकर उसे 5 दिन कर दिया और अब बढ़ाकर 15 दिन किया है जबकि यथार्थ में देश दुनिया की हर सेना लगभग 60 से 90 दिन का गोलेे बारूद का भंडार की तैयारी करके चलती है।
यह मोदी के अंध भक्तों को समझ में नहीं आएगा।
पर यहां देश की चिंता किसको है यहां तो अपनी सहेली नीता अंबानी के पति मुकेश अंबानी की और अडानी की चिंता है। जो बाद में वॉलमार्ट और माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट को सारी हड़पी, कब्जाई व एकत्रित की संपत्तियां विदेशी बड़े पूंजी पतियों को मोटे लाभ पर बेचकर देश को गुलाम बना देंगे।,
मोदी हथियार देश की सुरक्षा के लिए नहीं अपने मोटे कमीशन के लिए खरीद रहे हो। फिर 6 साल से जितने में तुम कबाड़ा खरीद रहे हो। उससे बेहतर उसके 25% से40% कीमत में भारत में सब नया ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं। विमान, पनडुब्बी, जहाज, टैंक तोप, मिसाइल, रडार आदि सबकुछ पर तुम और तुम्हारे पूर्वजों को मोटा हजारों करोड़ कमीशन खाने से मतलब है हरामखोरों।
फिर देश की जनता से 80%करों पर पेट्रोल डीजल गैस मैं लूटा पैसा, महामारी का पाखंड करवा कर लाखों करोड डॉलर का विदेशों से कर्ज लिया, सारी सरकारी संपत्तियां, बैंक बीमा कंपनियां, रेल, भेल, सेल, गेल, तेल, ओएनजीसी, बीएसएनल, एयर इंडिया, व अन्य कंपनियां बेचने गिरवी रखने के बदले में मिला लाखों करोड़ों रुपए कहां है?
क्या देश का सारा पैसा, मोटे कमीशन पर, विदेशी हथियारों को कबाड़ा खरीद कर अपने पूंजी पतियों का पेट भरने के लिए ही है? दूसरी तरफ चीन 6 साल में भारत की भूमि पर गांव बसा लेता है हजारों हेक्टेयर जमीन कब्जे में ले लेता है। और यह देश के अंदर भी भोंकता रहता है इसके भोकने से देश के अंदर वाले भी नफरत करते हैं। तो ना देश के बाहर वाले सुनते हैं। पर वह अपने मन की बात सुनाता, और देश की जनता को लूट कर, विदेशों में अपनी खोखली शान बघारने के लिए लुटाता रहता है।
|