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भेड़िया झुंड पार्टी के नेताओं की नीचता व चाल चरित्र और चेहरे को देखते हुए दिल्ली में जो घटा। उसमें अपने पूंजीपति मित्रों को बचाने और उनको देश का पूरा खाद्य व अन्य सभी आवश्यक वस्तुओं का फुटकर व्यवसाय सौंपने के लिए थोपे गए तीन काले पूंजी पतियों का गुलाम बनाने वाले कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसान आंदोलन जो ढाई महीने से शांतिपूर्ण चल रहा था।
साथ ही पंजाबी सिखों के साथ देश भर के किसानों की उस खुद्दार वफादार फौज ने वादा किया था। कि वे शांतिपूर्ण पूर्ण तरीके से अपनी रैली निकालेंगे। जान बूझकर किसानों को बदनाम करने भेढ़िया झुंड पार्टी ने अपने ही गुंडे बदमाशों को घुसेड़ कर दंगे करवाए। जैसा कि किसान आंदोलन की शुरुआत से भेड़िया झुंड पार्टी के लोग कभी सराव सुंदरी लेकर पहुंचते हैं कभी गुंडे भेजते हैं कभी लोगों को मरवा डालने के लिए गनर भेजते हैं आंदोलन को हमसे बनाने के लिए उन्होंने सारे प्रयास किए ताकि पुलिस को खुला गोलियां बरसाने आंसू गैस के गोले बरसाने का अधिकार मिल जाए और वह किसानों के आंदोलन पर गोलियां चलाकर लाशों के ढेर लगा सकें और इस बहाने एक तरफ देश के किसानों को डरा सके।
तो दूसरी तरफ जनता को।
ताकि उसके नीच अडानी अंबानी टाटा बिरला मित्तल वॉलमार्ट अमेजॉन पूंजीपति इस देश में आसानी से किसानों की फसलों को हड़प कर देश की 120 करोड़ जनता को भिखारी बना कर चौराहों पर खड़ा कर और बिना परिवार के योगी मोदी उनकी औरतों से वेश्यावृत्ति करवाने के लिए मजबूर कर सकें।
पुलिस के साथ हाथापाई की, बेशक पुलिस ने केन्द्र के इशारे पर किसानों पर अनावश्यक लठ्ट बरसाये। जबकि निहंग तलवार लेकर दौड़ लगाते रहें, परंतु किसी को क्षति नहीं पहुंचाई।
जैसा की वीडियो में देखने पर प्रदर्शित होता है।
आखिर चांडाल मोदी और उसके गिरोहों के मंत्री और सांसद क्यों आखिर पूंजीपतियों का हजारों करोड़ का धन हजम कर किसानों को और देश की जनता को गुलाम बनाने के लिए तीनों काले कानून थोपने पर हठधर्मिता क्यों अपनाये हैं।
कहां है वह खाकी चड्डी वाले स्वदेशी का राग अलापने वाले पाखंडी राष्ट्रभक्त,
प्रस्तुति व लेखक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र इंदौर
www.samaymaya.com
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