वन विभाग के सभी ईमानदार कर्मचारियों अधिकारियों एवं सभी निर्भीक और नेताओं के तलवे ना चाटने वाले पत्रकार साथियों को वन संपदाओ, वृृृृक्ष, वन भूमि को सुरक्षित रखना और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित सुसज्जित वन संपदा देनी हो ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां हम पर गर्व कर सकें। ईमानदार उपबनपाल रामेश्वर दुबे के पक्ष में खड़े होकर ऐसे सभी नेताओं को जो घोर भ्रष्ट होने के साथ-साथ वन भूमि पर कब्जा कर वन संपदाओं के वृक्षों को काटने, खनन करने, पहाड़ों के साथ जल, जंगल, जमीन, जलवायु को अपनी नेतागिरी के दम पर अपने हितों के लिए बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। के विरुद्ध अभियान चलाकर, ऐसे कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों को बचाने व अपनी, देश की भावी पीढ़ियों के लिए सत्यता के लिए जंग लड़नी चाहिए।
अन्यथा ये घोर आपराधिक चरित्र के नेता, मंत्री चाहे वे किसी भी पार्टी के हो, सत्ता में रहते तक ऐसे ही ईमानदार कर्मचारियों को डराने धमकाने कर्तव्यनिष्ठता पर प्रश्न चिन्ह लगाकर उनको हतोत्साहित कर यथार्थ में सब की बर्बादी का कारण बनेंगे।
ऐसेे गंभीर वक्त पर सभी कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारों, सभी विभाग के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को ऐसे ईमानदार कर्मचारियों को बचाने के लिए एकजुट होकर आंदोलन करना ही होगा। अन्यथा चंद वर्षों के लिए सत्ता में आये आपराधिक नेता, मंत्री, एक तरफ आपसे गलत काम करवाएंगे, मोटी वसूली करेंगेे और दूसरी तरफ फिर आप ही के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा बदनाम भी करेंगे।
और फिर विजय शाह वन मंत्री घोर अय्याश, भ्रष्ट, बदतमीजी के किस्से कहानी अभी दफन नहीं हुए हैं। झबूूआ में स्कूलों में छोटी-छोटी बच्चियों को भाषण देते समय क्या कहा था, श्रीमती साधना सिंह को शिवराज के सामने भरी भीड़ में क्या कहा था? जो समाचार पत्रों की सुर्खियां भी बना था। इसको भी समझें।
मेरी शुभकामनाएं श्री रामेश्वर पटेल विजयी हों।
लेखक निवेदक एवं प्रस्तुति प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
|