अजमेरा उवाच
चंदा खोर भेड़ियों को चंदा मांगने के लिए बहाना मिल जाए।
कोरोना के नाम से पीएम केयर्स फंड में 50000 करोड़, सैनिकों से लेकर बाबू चपरासी तक सरकारी कर्मचारियों को 2 दिन का वेतन काट लिया गया। अंध भक्तों की औकात नहीं कि उस पैसे का हिसाब मांग ले।
राम मंदिर का चंदा 1985 से इकट्टा हो रहा है। 1994 तक 500 करोड़ का चंदा पूरे देश से वसूला गया था उसका हिसाब क्यों नहीं दे रहे हैं जिसकी अब कीमत ढाई हजार करोड़ से ज्यादा हो गई।
पहले उस चंदे का हिसाब तो मांगो या यह धर्म के नाम पर भेड़िया झुंड पार्टी जनता को कभी सफाई के नाम पर कभी नोटबंदी के नाम पर कभी जीएसटी के नाम पर कभी करोना के नाम पर तवाह करती रही।
भेड़िया झुंड पार्टी और उसका पितृ संस्था पूंजी राक्षस सेवा संघ की तीसरी चौथी बार राम मंदिर का उद्घाटन करके अब लाखों करोड़ उसका चंदा इकट्ठा करके भी हजम कर जाएगी।
क्योंकि जब तक राम मंदिर नहीं बनेगा तब तक जनता से चंदा लूटने का हथियार हाथ में बना रहेगा। जो चुनावी चंदे और विदेशों में भेजने के काम आएगा। जिस दिन राम मंदिर बन जाएगा किस बात के लिए चंदा लूटेंगे और किस काम के लिए वोट मांगेंगे?
आखिर जब रु40000 करोड रुपए का भेड़िया झुंड पार्टी अपना हाईटेक कार्यालय बना २४घंटे अपने कुकर्मों और भ्रष्टाचार, लूट डकैती को छुपाने के लिए अफवाहों का बाजार गर्म कर सकती है। तो अगर सच्चे राम भक्त हो, फिर सत्ता भी तो राम के नाम से ही हथियाई, तो अपने पैसे से जनता के सामने बिना हाथ फैलाए मंदिर क्यों नहीं बना सकती?
कहां गया रिजर्व बैंक का 41 लाख करोड़ रुपए, कहां गया सवा लाख करोड़ एलआईसी का, ओएनजीसी बीपीसीएल एचपीसीएल आईओसीएल रेलवे भारतीय खाद्य निगम भेल सेल और तेल का लाखों करोड़ उसका हिसाब ईमानदारी से दो हराम खोंरो।
फिर भी कटोरा लेकर चंदा मांगने गली गली में, 9 महीने से तवाह और बेरोजगार बैठी जनता से तुम्हारी वह चड्डे वाले घूम रहे हैं।
चांडाल भेडियो कुछ शर्म करो।
प्रस्तुति निवेदक एवं लेखक प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
www.samaymaya.com
|