जालसाजोंं का पूंजीपतियों के लिये मिलावटियोंं का मिलावटी कानून
मध्यप्रदेश में शिवराज ने मिलावट करने वालों के लिए आजन्म कारा वास की सजा के लिए कानून बना दिया।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है जैसा कि इंग्लैंड में होता है किसी भी कानून को बनाने और थोपने से पहले जनता से पूछा जाता है।
हमारे भारत में यह भेड़िया झुंड पार्टी देश की सत्ता और प्रदेश की सत्ता को अपने बाप की जागीर समझते हुए अपने पूंजीपति मित्रों जिनसे इन हरामखोर भूखे भेड़ियों को हजारों करोड़ का चंदा मिलता है, के लिए छोटे व्यापारियों किसानों उद्योगपतियों को खत्म करने के लिए कानून पर कानून थोपे जा रहे हैं। और सत्ता व कानून को अपने बाप की जागीर मानकर इस देश के 140 करोड़ लोगों में से 120 करोड़ लोगों को भिखारी बना कर सड़कों पर खड़ा कर देना चाहते हैं।
जो हाल मोदी ने किया और वही हाल यह घोर नीच मुख्यमंत्री शिवराज कर रहा है। कलेक्टरों कमिश्नरों को लूट की पूरी छूट देकर छोटे व्यापारियों उद्योगपतियों किसानों को नष्ट करने पर तुला हुआ है।
एक तरफ भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए कानून का दुरुपयोग करता है। तो दूसरी तरफ अपने आप को महान प्रशासक अच्छा मंत्री सिद्ध करने के लिए छोटे-मोटे भ्रष्टाचारियों कर्मचारियों अधिकारियों को पकड़ कर अपनी फोटो और विज्ञापन छपवाता है।
जबकि इंदौर के घोर भ्रष्ट मनीष सिंह जो पूर्व में सन 2000 से एडीएम था, उस समय उसने बंद पड़े सोयाबीन प्लांटोंं के नाम से 16 फर्जी सॉल्वेंट के लाइसेंस बनवा कर, पेट्रोल पंप में सालों तक अपने व्यवसायिक साझेदारों के साथ आपूर्ति कर इंदौर की जनता को पेट्रोल में मिलावट कर लुटवाया, बड़े-बड़े बिल्डरों के साथ मिलकर इंदौर के बाईपास की पहाड़ियों पर व अन्य स्थानों पर कालोनियां मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग बनवाने में मोटी कमाई की, इंदौर के आसपास धार रोड नेमावर रोड, उज्जैन रोड, देपालपुर के आसपास की पहाड़ियों को खनन माफियाओं को साथ में लेकर पहाड़िया की पहाड़ियों साफ कर दी गई। खुदाई में मोटी कमाई करता रहा, सिर्फ लाइसेंस बंदूकों के लाइसेंस जैसे 400 प्रकार के कानूनों में मोटी कमाई करके अपने नेताओं और आकाओं को देकर डटा रहा। फिर नगर निगम में उसके इस भ्रष्टाचार और लूट से खुश होकर आयुक्त बना दिया गया, नगर निगम इंदौर में भी हर कदम पर सड़कों, नालियों, सीवर लाईन, फेवर ब्लाक लगाने, जेएनआरयुएम के पैसों से गरीबों के भवनों का निर्माण, बीआरटीएस, प्रोजेक्ट उदय के अरबों रु, परिचय पत्र के बनाने, आदिवासीयों की खेती की, पट्टे की जमीनों पर कालोनीयां कटवाने परमिशन देने, सफाई के नाम पर, करोड़ों के वाहन खरीदने में कारें मुफ्त में मिली थी। जिसके पहले ही बहुत सारे कारनामे थे सैकड़ों अवैध कालोनियां सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कटवाने में, सैकड़ों करोड़ का भ्रष्टाचार का इतिहास बनाने वाले को कलेक्टर 28 मार्च को लॉकडाउन में लूट मचाने के लिए ही मोटी वसूली करने के लिए शिवराज ने इंदौर में बैठाया था। और अखबारों में अब अपनी इमानदारी की नौटंकी के किस्से छपवाता है, हरामखोर जिसने अपने काले धन को विदेशों में भी होटलों अन्य व्यवसाय में लगा रखा है।
फिर जिसको सांसद बनाया गया वह शंकर लालवानी को भी टिकट इसीलिए दिया गया था, ना, कि उसने पार्षद से लेकर आइ डी ए का अध्यक्ष रहते हुए अरबों रुपए की भ्रष्टाचार सड़कों को सीबर नालियों के निर्माण में स्कीमों की जमीनों की खरीद में किए थे और उस दौरान भी उसने हजारों पाकिस्तानियों को इंदौर के साथ मध्यप्रदेश में बसा दिया था और उनसे मोटी कमाई की थी अभी शहर का सबसे बड़ा मिलावट या किशोर वाधवानी जो गुटके में जहरीले रसायन मिलाता है। उसमें कत्थेे केॅाा एक कण भी नहीं होता। उसके गुटके के नमूने नहीं लिए जाते उल्टे ही लॉकडाउन में शंकर लालवानी ने अपने मित्र किशोर वाधवानी की कई हजारों गाड़ियां पूरे देश में नकली गुटके सिगरेट की जाने की छूट लेने के लिए कलेक्टर के साथ बैठकर दलाली करते हुए हजारों करोड़ का माल 5से 10 गुनी कीमत में बिकवाया। उसमें भी तो मोटी दलाली शंकर लालवानी मनीष सिंह के साथ में शिवराज सिंह को प्राप्त हुई तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जबकि सेंट्रल कस्टम की टीम नेे हीं मनीष सिंह को भी किशोर वाधवानी के गुटका कांड में न केवल भारी सहयोगी पाया वरन 180 कालों की डिटेल में उसने लगभग किशोर वाधवानी के गुटको को बिकवाने के लिए दो हजार मिनिट से ज्यादा समय तक बात की। इतने सारे भ्रष्टाचार से धोने पर आकर शिवराज ने कलेक्टर मनीष सिंह को क्यों नहीं हटाया और वह शंकर लालवानी जो अपनी बड़ी तारीफ ही बड़ा सक्रिय सांसद होने का दावा करता रहा शहर में प्रदेश में और देश में करोड़ों लोगों को गुटके के माध्यम से बीमारियां देकर बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा उसकी शिवराज ने तारीफ की थी। जिस ने संसद में जाकर सिंधी प्रदेश की मांग की थी अच्छा तो यह था उसने सीधा सीधा नहीं बोला पाकिस्तान से आए लाखों सिंधीयों के लिए देश में अलग पाकिस्तानी सिंध प्रदेश बनाया जाए।
इतने सारे कर्मकांड के बाद में भी राष्ट्रवादी राष्ट्रभक्त होने की नौटंकी करने वाली भेडियो झुंड पार्टी की सरकार ना केवल भ्रष्ट जालसाज दलाल शंकर लालवानी के साथ कलेक्टर मनीष सिंह को भी ना केवल इंदौर में पालकर देश शहर की जनता को, यहां के उद्योगों को, व्यापार को भी बर्बाद रही है।
अपने भ्रष्ट मुखिया के भ्रष्टाचार के चलते सभी विभागों में, नगर निगम इंदौर विकास प्राधिकरण आदि सब में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर खुले में हाल ही में संपन्न हुए और ढाई साल बाद होने वाले आगामी चुनावों के लिए धन इकट्ठा करने में सबको भ्रष्टाचार करने की खुली छूट देकर सब को चौपट करने में लगी हुई है।
जनता इसे समझे।
|