गुंडे, बदमाश, तड़ीपार, हत्यारे वसूलीबाज, अड़ीबाज सत्ता के शीर्ष पर क्या पहुंचे, बैंकों के लुटेरों जालसाजों पूंजीपतियों के लिए देश की सार्वजनिक संपत्तियों को अपने बाप की जागीर समझ लूटने और लुटाने लगे। जो गली मोहल्ले के अपराधी मिमीयाते भेड़िये भी शेर की तरह दहाड़ लगाने लगे।
दहाड़ लो जब तक सांस है।
लूट लो, जनता को सार्वजनिक संपत्तियों को, चारों तरफ बांटो आंसु, भूख, बेरोजगारी, चीख चिल्लाहट, क्रंदन, इन सब से मुंह फेर कर, अपनी दाढ़ी बढ़ाकर पुण्य आत्मा का पाखंड करते हुए भी मंदिरों में जाकर घंटियां बजाओ, शिलान्यास करो, हजारों युवाओं की बेरोजगारी और बेबशी का फायदा उठाते हुए पूरे अपने आई टी गिरोह को टुकड़े डालकर अपनी वाहवाही करवाओ।
कब तक पाखंड करोगे धूर्तो, मक्कारो, चान्डालो मौत तो तुम्हारी, तुम्हारे आकाओं की भी निश्चित है।
पर सब याद रखना नंगे आए थे नंगे ही जाओगे। जो लिया यहीं से लिया सब ही यहीं छोड़कर जाना पड़ेगा।
रेलवे अपने सीने पर रख लो। बैंकों को, सारे खाद्य व्यवसाय को बीमा कंपनियों को, बिजली को, सड़कों नदियां पहाड़ जमीन खेती अपने सीने पर रख लो। अदानी अंबानी टाटा बिरला वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट अमेजॉन गूगल बिल गेट, आपकी निगाह में जनता कीड़े मकोड़े होगी और अब आप अपने आप को महान बन रहे होगे।
पर सभी मां की कोख से एक जैसे ही पैदा हुए थे और एक जैसे ही सब खाली हाथ मरोगे।
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