अजमेरा उवाच
भेडियो झुंड पार्टी का आईटी सेल जिसमें 40000 से ज्यादा लोग ना केवल दिल्ली में वरन देश के प्रदेशों की विभिन्न राजधानियों में एक साथ अपने हर कुकर्म को सही सिद्ध करने के लिए और जनता का ध्यान आपने कुकर्मो से हटाने के लिए लगातार दुष्प्रचार के हथकंडे, हिंदू मुस्लिम, कांग्रेस, इतिहास आदि का प्रसारण 24 घंटे करते रहते हैं।
परंतु अपने भ्रष्टाचारों, देश के विभिन्न केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों के कार्यालयों में, विभिन्न सरकारी उपक्रमों, कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी कंपनियों बैंकिंग कंपनियों और उनके कर्मचारियों बीमा कंपनियों तेल कंपनियों के अधिकारियों कर्मचारियों का लाखों-करोड़ का पेंशन फंड अपनी वाह वाही और देश दुनिया में चल रही 9 महीने से महामारी के पाखंड की तबाही के बावजूद जब अधिकांश उद्योग चौपट पड़े हुए हैं करोड़ लोग बेरोजगार बैठे हुए हैं अपने मित्रों के शेयरों को चढाए रखने के लिए वह अधिकांश पैसा अपने पूंजीपति मित्रों की कंपनियों को सौंपकर शेयर बाजार में अनाप-शनाप अपने शेयरों की खरीद दिखाकर लाखों करोड़ का धन डुबोया जा रहा है। आखिर रिजर्व बैंक से 41 लाख करोड, 29 सरकारी बैंकों से लगभग 25 से 30 लाख करोड़ जीवन बीमा निगम से सवा लाख करोड़ महामारी के पाखंड की आड़ में 76 अरब डॉलर विश्व बैंक से, 48 अरब डॉलर एशियन विकास बैंक से लेने के बाद सारा पैसा कहां गया आखिर मोदी के बाप की जागीर है। पूंजी राक्षस सेवा संघ के चड्ढों और अंध भक्तों, आखिर जनता को क्यों नहीं बताया जा रहा कि वह पैसा कहां गया किस देश की विदेश के कोठे पर मुजरे में दान करके आए। अरुणाचल प्रदेश सिक्किम और अक्साई चीन के आसपास भारत से लगती सीमा पर 50 50 किलोमीटर अंदर घुस के भारतीय धरती पर चीन में सड़के बना ली बंकर बना लिए। उसके बारे में क्यों चुप हो बहुत दहाड़ते थे अब वह दहाड़ मिमियाने में क्यों बदल गई। 6 साल में चीन आपकी चाहे जब ठोक बजा रहा है। और आपके मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा कहां गया वह 56 इंची का सीना चोली पहन कर किस पूंजीपति के कोठे पर जनता का खून पीते हुए किसानों को रुलाते हुए नृत्य में तल्लीन है।
अंध भक्तों इतना सब कुछ होने के बाद अभी भी घास चरने वालों अपनी अकल अगर बहुत तेज दौड़ रही हो तो कसम है तुम्हें तुम्हारी मां की कल से किसानों की अब जाए अन्य सब्जियां दाल फल फूल खाना बंद कर दो। यदि उन किसानों के प्रति सहानुभूति नहीं और अपने भविष्य में झांकने की क्षमता नहीं। और फिर ढोल मजीरा लेकर घर के आंगन में दिए जलाकर उस की माला पर फूल चढ़ाकर स्वयं भी नृत्य करते रहो।
निवेदक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र
इंदौर
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