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मोदी को खुली चुनौती : PM किसान फसल बीमा योजना (PMKFBY) के नाम पर प्राइवेट इन्शुरन्स कंपनियों के साथ मिल कर गरीब किसानों को लूटा..किसान भाइयों, पढ़िए और अपना पैसा वापस मांगिए..
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- 2019 में बीमा प्रीमियम का केवल 60% क्लेम के रूप में दिया गया..यानी 100₹ प्रीमियम लिए पर क्लेम दिया केवल 60₹
- एक प्राइवेट इन्शुरन्स ने तो केवल 23% क्लेम सेटलमेंट किया..ये चोरी/घोटाला नही है? इतना हाई प्रॉफिट?
- जबकि सरकारी कंपनियों ने 113% क्लेम सेटलमेंट किया..यानी प्रीमियम लिया 100₹ पर क्लेम दिया 113₹..मतलब सरकारी इन्शुरन्स ने किसानों की सेवा में घाटा सहा..
- सरकारी इन्शुरन्स ने देश के हर हिस्से की फसल का इन्शुरन्स दिया..पर प्राइवेट वालो ने रिस्की इलाको में इन्शुरन्स से मना कर दिया..और 40%-70% प्रॉफिट कमा गए..
- इतने सबके बावजुद प्राइवेट कंपनियों ने कानूनी पचड़ा लगा कर जायज क्लेम सेटलमेंट से भी मना कर दिया..
👉 घोटाले का आंकड़ा पढ़िए :-(2016 से 16 नवंबर 2020 तक)
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- प्राइवेट कंपनियों का
● ग्रॉस प्रॉफिट रहा 12,500 करोड़
● नेट प्रॉफिट रहा 7500 करोड़
- सरकारी कंपनियों को
● प्रीमियम मिला 48,000 करोड़
● क्लेम दिया 48,960 करोड़ (102%)
● घाटा हुआ 960 करोड़
◆ सरकारी कंपनियों ने किसानों को बचाया..पर प्राइवेट ने किसानों का खून चूस लिया..और इस खून चूसने में मोदी की सरकार बराबर की हिस्सेदार है...
जो सरकार किसानों का खून चूसती है, उस सरकार के PM की इज्जत 2 कौड़ी की नही रहती..मोदी की नीतियां आर्थिक आतंकवाद है..सबकुछ ध्वंस कर देगा.. पत्रकार नितिन भटनागर की कलम से🖋🖋(7566112729)
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