मोदी चांडाल ने देश में किसी को भी नहीं छोड़ा पूरे देश की पुलिस के साथ सैन्य कर्मियों का भी ना केवल पेंशन खत्म की वरन सबका वेतन भी घटा दिया जैसे इसके बाप की जागीर थी। जबकि जीएसटी में ना केवल भरपूर टैक्स वसूल कर रहा है परंतु पेट्रोल डीजल और गैस में 4 गुने से ज्यादा वेट वसूला जा रहा है। और जनता की न केवल जेब पर डाका डाला जा रहा है बल्कि देश के सारे छोटे उद्योग को खत्म करने किसानों की फसलों पर और भूमि पर कब्जा करने का भी षड्यंत्र रच रहा है। इसलिए कोई भी सेंन्य कर्मी पुलिस चाहे वह किसी भी राज्य की क्यों ना हो। क्योंकि हर पुलिस व सैन्य कर्मी के माता-पिता भाई-बहन कहीं ना कहीं किसान हैं। और देश के लोगों का खेतों में मेहनत कर अन्न पैदा कर पेट भरते हैं। वह हमारा अन्नदाता है। यदि वह आंदोलन कर रहे हैं दिल्ली में देश के राज्यों में या जिसकी किसी भी कोने में तो किसी भी पुलिस व सैनिक कर्मी को उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं करनी चाहिए। सरकार या सरकार के गुंडे मवाली नेता मंत्री और अधिकारी कितना भी उनके ऊपर कार्यवाही के लिए डंडे बरसाने रोकने पानी की बौछार करने का आदेश दें। तत्काल बगावत करके सरकार को उसके मुंह पर उसकी बत्तमीजी करने का परिणाम दिखा दें। वैसे तो सैन्य कर्मियों पुलिस सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों स्वास्थ्य कर्मियों सबके साथ राज्यों व केंद्र सरकार ने छल कपट किया है।
उनका वेतन काटा है वेतन वृद्धि देने से मना कर दिया है सबको बगावत करके किसानों के आंदोलन में शामिल होकर 8 दिसंबर को देश में एक तरफा बंद करके पूरे देश की शासन व्यवस्था को पंगु बना देना चाहिए।
ताकि सरकार को उसकी बदतमीजी का ठोस जवाब दिया जा सके।
दुनिया का हर कानून हर व्यक्ति को उसकी आत्मरक्षा और अपने अधिकारों की रक्षा की लड़ाई करने का अधिकार देता है। इसलिए उस पर कोई भी कानूनी कार्रवाई संभव नहीं और सरकार की औकात नहीं कि सभी सैन्य कर्मियों को पुलिसकर्मियों, सरकारी कर्मचारियों को एक साथ हटा दे।
ऐसी सरकार को उसकी हर बदतमीजी का मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।
निवेदक एवं लेखक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र इंदौर
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