छोटे व्यापारी, उद्योगपति, दुकानदार, आढतिये, सब्जी भाजी बेचने वालों से लेकर सारे फुटकर व्यवसाई आपको समझ में नहीं आ रहा कि सारा का सारा व्यवसाय आप लोगों के हाथ से छुड़ाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सौंपने का षड्यंत्र

छोटे व्यापारी, उद्योगपति, दुकानदार, आढतिये, सब्जी भाजी बेचने वालों से लेकर सारे फुटकर व्यवसाई आपको समझ में नहीं आ रहा कि सारा का सारा व्यवसाय आप लोगों के हाथ से छुड़ाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों अडानी अंबानी टाटा बिरला आईटीसी हिंदुस्तान लीवर शॉपिंग मॉल्स वॉलमार्ट अमेजॉन फ्लिपकार्ट को सौंपने का षड्यंत्र है यथार्थ में कोई बीमारी नहीं सारी बीमारी सारे छोटे व्यवसायियों लघु उद्योगों खाने-पीने के होटल रेस्टोरेंट सारे सब्जी भाजी वाले सारे किराना रेडीमेड गारमेंट पुस्तकें कॉपी किताब विक्रेता आदि सबको खत्म करने का षड्यंत्र का हिस्सा था नोटबंदी और जीएसटी और अभी महामारी के पाखंड की आड़ में भी सबसे ज्यादा नुकसान आप लोगों को ही उठाना पड़ा मूल उद्देश्य सब की अर्थव्यवस्था को इतना घाटे मिला दो सब दुकान बंद करके बैठ जाएं और सारा का सारा फायदा शॉपिंग मॉल्स ऑनलाइन के अडानी अंबानी टाटा बिरला यूनिलीवर आईटीसी वॉलमार्ट आदि को होता रहे और लगभग 5 करोड लोग बेरोजगार हो कर जिन से लगभग 10 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं सब बेरोजगार हो जाएं और उन सब का व्यवसाय इन चांडाल पूजी पतियों के हाथ में पहुंच जाएं जो मोदी को मोटा चंदा देकर सत्ता में लेकर आए हैं यदि आपने कल बंद नहीं किया तो आप समझ सकते हैं कि आपका भी क्या हश्र होना है? ऐसे तो महामारी के पाखंड में आपका क्या हादसा हो चुका है आप कितने घाटे में चल रहे हैं कर्मचारियों का वेतन दुकान मकान का किराया बिजली का बिल तक नहीं दे पा रहे हैं आप कल के बंद में शामिल होकर आप सबसे पहले ऑनलाइन और शॉपिंग मॉल का पाखंड खत्म करने के लिए आवाज उठाईये। जीएसटी ने आपको धंधे को चौपट कर दिया है। इसको समझिए। फिर नोटबंदी जीएसटी और इस महामारी के पाखंड में जब देश बंद पड़ा हुआ था तो आपने यह सोचा अडानी अंबानी टाटा बिरला वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट अमेजॉन आदि की संपत्तियों में 3 गुना वृद्धि कैसे हो गई कल के आंदोलन में आपको बाहर निकल कर सबसे पहले शॉपिंग मॉल ऑनलाइन के व्यवसाय को समाप्त करने और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का सबसे बढ़िया मौका है कूद पड़िये है और दिखाइए हम सब एक हैं। देश को गुलाम नहीं होने दिया जाएगा बहुराष्ट्रीय कंपनी और पूंजीपतियों के हाथों में ना केवल व्यापारी बल्कि छात्र संगठनों रेलवे यूनियन बैंक यूनियन सभी कर्मचारी मजदूर संगठनों को किसानों को शामिल होकर कल एक साथ सरकार को उसकी बदतमीजी जलसा जियों और ईवीएम से चुनाव जीतने का संयंत्र के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाना आवश्यक है अन्यथा तो गुलाम होने के लिए तैयार रहिए आप। निवेदक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर www.samaymaya.com
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