साढ़े 7 महीने से देश में महामारी के पाखंड की आड़ में करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी जा चुकी है। उद्योग बंद हो चुके हैं निजी क्षेत्रों में काम करने वाले असंगठित मजदूर कर्मचारी सभी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
यह आप सभी समझ सकते हैं। निष्कर्ष में मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आपके ही अपने भाई बंधुओं रिश्तेदार अड़ोसी पड़ोसी परिवारों में कई लोग ऐसे आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। त्योहारों का मौसम है। उनके घरों में भी खुशियां हो। इसका हम सबको ख्याल रखना है।
आपके खुशियां बांटने से खुशियां बढ़ेगी। हमारी खुशी हमारे पड़ोसी पड़ोसियों और रिश्तेदारों की खुशियों से ही बनती है।
इसलिए इस आर्थिक संकट की स्थिति में आप सब ऐसे अपने अड़ोस पड़ोस के परिवारों रिश्तेदारों का ख्याल रखें जिनके घरों में वित्तीय संकट के कारण वे त्योहार मनाने से वंचित ना हो।
वैसे इंदौर वासियों ने मेरी हर विडियो में की अपील का बड़ा ख्याल रखा जब हमारे शहर से लाखों भूखे मजदूर गुजर रहे थे तो मैंने बहुत ही कड़वे अंदाज में दानदाताओं को डांट कर पीएम केयर्स फंड मुख्यमंत्री फंड और कलेक्टर निधि में दान देने से मना कर दिया था। और कहा था कि यदि सचमुच आप दान करना ही चाहते हैं। तो जो लाखों मजदूर अपने शहर के सामने से भूखे गुजर रहे हैं। उन सब को भोजन करवा दीजिए और आप सब ने इसका ख्याल रखा सब को भोजन करवाकर उनकी भोजन पानी, व नंगे झुलसते पैरों को जूते चप्पलों की दुकानों को सजाकर मुफ्त में पहना, सेवा संतुष्टि से आपने काफी पुण्य लाभ कमाया। जिस की प्रशंसा पूरे विश्व में हुई।
वैसे ही मेरी प्रार्थना है बहुत सारे लोग धन अभाव के कारण त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं।
उनके बच्चे इस परेशानी में नए कपड़ों और त्यौहार की खुशियों से वंचित ना हो इसलिए मंदिरों में दान ना करके पटाखे कम जलाकर वह पैसा अपनी अड़ोस पड़ोस के रिश्तेदारों मित्रों बंधुओं में समय के अनुकूल बिना प्रतिफल की इच्छा के चुपचाप इस प्रकार से दें ताकि उनके आत्मसम्मान को ठेस ना पहुंचे और उनका उनके बच्चे और परिवार त्यौहार की खुशियों को मना सकें।
इसलिए आप अपने पटाखों के खर्चों व अन्य खर्चों में कटौती करके ऐसे अपने अड़ोस पड़ोस के परिवारों रिश्तेदारों सब का ख्याल रखें।
बेशक समय गरीब है।
समय अमीर है।
समय मित्र है।
समय शत्रु है।
पर शत्रुंजयी वही है। जो अमीर, गरीब, शत्रुता और मित्रता को त्याग, बुरा वक्त पड़ने पर दूसरों की सहायता कर दे।
सभी पाठक मेरी बातों को अत्यंत गंभीरता से लेकर अपने अनावश्यक खर्चों को रोक व कम कर ऐसे परिवारों की सहायता अवश्य करें। जो बेरोजगारी के संकट से अपनी रोजी-रोटी, व दीपावली मनाने में सक्षम ना हो।
समय का कोई भरोसा नहीं आज आप सक्षम है. तो आज आप सहायता कर दें।
कल किसने देखा है? किसी कारणवश आप भी इस विपत्ति से गुजरे तो प्रभु सैकड़ों हाथ आपकी सहायता के लिए आगे बढ़ा देगा। यह याद रखना। आपकी की गई सहायता कभी खाली नहीं जाएगी। इस पर विश्वास रखिएगा।
निवेदक व प्रस्तुति
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र इंदौर
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