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गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक के सूअरों तुम्हारा अस्तित्व खंड खंड बिखर जाएगा। बहुत जल्दी तुम जो शब्दों को हेरफेर करके अनर्थ करते हो कमीनो तुम्हारे अमेरिका की जनता तुम्हारी इन्ही बदतमीज का परिणाम भोग रही है।
जब देखो कहीं आग लगती है कहीं तूफान आते हैं।
कहीं बर्फ गिरती है। यह मत सोचो कि तुम देश दुनिया की जनता को परेशान कर खुश होते हो और अपने आप को महान बनते हो उन 300 करोड़ लोगों के मस्तिष्क से निकलने वाली तरंगें तुम्हारे देश की हर वक्त कहीं ना कहीं तबाही करती रहती हैं। और यह तबाही जब से तुम ने इंटरनेट के माध्यम से दुनिया की जनता की जासूसी करना उसका डाटा इकट्ठा करना पिछाड़ी जीभ डाल कर चाटना। लोगों को परेशान करना खातों में डकैती डालना अनावश्यक मोबाइल करके उनको ऑनलाइन खरीदी करने को बाध्य करना और पूरी दुनिया पर कब्जा करने का षड्यंत्र शुरू किया है तब से लगातार देख लो 15 साल में कि तुम कभी चैन से नहीं बैठे कहीं तुम्हारे यहां 50-55 डिग्री का तापमान होता है तो कहीं लोग आग से बर्बाद होते हैं।
तो कहीं तूफान आ रहे होते हैं। तो कहीं आग लग रही होती है जंगलों में यह सब प्राकृतिक आपदाएं दुनिया की मजबूर, बेबस जनता की मस्तिष्क की तरंगों का परिणाम होती हैं।
यह सब तुम्हारी बदतमीजियों का चंद पूंजीपति घोर नीच चांडालों का परिणाम तुम्हारा पूरा देश भोगता है। इसको समझो संकर हरामखोर श्यानों।
जिसकी घोषणा में पहले कई बार करके तुम्हें आगाह कर चुका हूं। और सामने परिणाम देख रहे हो।
और अगर तुम नहीं माने तो अब मेरी भगवान से प्रार्थना होगी कि तुम पर इतने परमाणु बम गिराये चीन और रूस, तुम खंड खंड तुम्हारा वह माइक्रोसॉफ्ट का बिल गेट वॉलमार्ट वारेन अमेजॉन बेजोफ गूगल फेसबुक का जुकर सब वही मिट्टी में दफन होकर खत्म हो जाओ।
और पिछले 205 दिन से ज्यादा समय से चलने वाला देश दुनिया की महामारी का पाखंड जो है यह भी तुम्हारी नहीं बदतमीज यो का परिणाम है देश और दुनिया पर कब्जा करने का पर लोगों के दिमाग में चिप्स फिट करके उन्हें गुलाम बनाने का यह तुम्हारा सपना पूरा होने से पहले तुम और तुम्हारा पूरा अमेरिका सभी प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं में दफन हो जाएगा।
यह मैं नहीं कह रहा हूं। इसकी सत्यता को जानने के लिए मालूम करो गूगल को दुनिया में उनकी जासूसी करने, हर एप डाउनलोड के बदले में मोबाइलों के फोटो देखने कांटेक्ट लिस्ट को ताक झांक करने उनके संदेशों को पढ़ने खातों को खाली करने के बदले में रोज 200 करोड़ से ज्यादा लोग कितनी गालियां बकते हैं।
यह सब होगा दुनिया के 300 करोड़ लोगों से निकली मस्तिष्क की तरंगों का सामूहिक आव्हान है।
जिसका परिणाम अमेरिका की तीस कोड जनता को भोगना पड़ेगा बेशक सारी दुनिया के साथ भारत के चांडालों के कारण जनता को भी भोगना पड़ेगा।
वैसे मोदी एक चांडाल के कारण 6 साल से जनता भोग रही है।
परंतु इंटरनेट के जाल से ही दुनिया को अब मुक्ति चाहिए। हमारे तुम्हारे बाप की जागीर नहीं है। सूअरों इसको समझो। तुम्हारी भी मौत बहुत जल्दी हो जाएगी बेहतर होगा शांति से मरो बमों की और बारूद की आग में दफन ना हो।
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