सरकार का गागरौनी मिडिया द्वारा बलात्कार कांडों, सुशांत हत्याकांडों को जानबूझकर इसलिए हवा दी जाती है। ताकि सारा मीडिया जमता का ध्यान, सारे टीवी न्यूज़ चैनल्स और सारे समाचार पत्र उसकी खबर छापने लगे व प्रसारित करने लगे और सारी जनता का ध्यान उन में उलझ जाएं और पीछे बैठकर सरकारें चाहे वह केंद्र की हो या राज्यों की सब मिलकर जो छह महीने महामारी का व छह वर्ष देश की तबाही के बाद भी मोदी की झूठी तारीफ का पाखंड कर रहे हैं। अपनी नाकामियों को छुपाने के साथ देश की संपत्तियों, देश के किसानों को नीलाम करने, करोड़ों लोगों को बेरोजगार करके भूख से मारने, 35 करोड़ बच्चों का साल बर्बाद करके, उन्हें घरों में बंद रखकर उन्हें दिमागी और शारीरिक रूप से कमजोर करने के षडयंत्रों में ऊलझा कोई सार्वजनिक रूप से विपक्ष जनता के साथ धरने प्रदर्शन और मीडिया की समस्याएं सामने ना खड़ी हो जाए। उस मिडिया और जनता के ध्यान बंटाने/हटाने की जालसाजी का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। ताकि पूंजीपति मित्रों को आसानी से कबाड़ के भाव में धन उगलने वाली और लाभ देने वाली संपत्तियों, उद्योगों, सार्वजनिक संस्थानों को बेचना दिखाकर सारे मंत्री संत्री मोटा धन हजम करते रह सकें।
देखते चलिए धीरे-धीरे सभी सरकारी स्कूल, कालेज, विश्व विद्यालयों, सरकारी अस्पताल, राशन की दुकानों, परिवहन विभाग, कर संग्रहण विभाग, महिला बाल विकास, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास, विद्युत मंडल की कंपनियां, सार्वजनिक सड़कें यह सूअर के पिल्ले हरामखोर चांडालों की औलाद कबाड़ी खानदान का सब बेचने को तैयार बैठे हैं। 5 साल में अभी तो एक ही साल गुजरा है उसमें यह हाल हुआ है जनता का, आने वाले समय में देखते रहिए।
यह भेड़ियों का झुंड पार्टी देश, देश की जनता की और सार्वजनिक संपत्तियों की बोटी बोटी नोच खाने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हवाले करके देश को पुनः पूरा गुलाम बनाने पर तुले हैं। ये सारे राक्षसों का गिरोह ।
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