सच्चे राष्ट्रभक्त होने का दावा करते हैं और स्वतंत्र रहना चाहते हैं तो हर सामान फुटपाथ ठेले वालों से अपनी गली मोहल्ले का दुकानदारों से अपने देसी उत्पादक से ही, का ही खर‍ीीदीयेे

यदि आप सच्चे राष्ट्रभक्त होने का दावा करते हैं और स्वतंत्र रहना चाहते हैं तो हमें, हमारे परिवार को, हमारी समाज को, हमारे नगर, प्रदेश और राष्ट्र को गुलामी से बचाना है, तो आज से कसम खाईये। कि मैं हर हाल में हर सामान फुटपाथ ठेले वालों से अपनी गली मोहल्ले का दुकानदारों से अपने देसी उत्पादक से ही, का ही खरीदूंगा। ताकि हमारी समाज के हर व्यक्ति को, हमारे अड़ोस पड़ोस, मोहल्ले, नगर के लोगों को पर्याप्त रोजगार मिले। वे सब भी ससम्मान अपना, अपने परिवार का जीवन यापन बच्चों को पर्याप्त शिक्षा, समाज के हर व्यक्ति, हर परिवार जिससे हमारा समाज बना है। समाज से हमारा नगर प्रदेश और राष्ट्र बना है, के चेहरे पर खुशी के लिए कोई भी सामान शॉपिंग माल से व ऑनलाइन नहीं खरीदूंगा। अब ऑनलाइन खरीदी करने की सच्चाईयां सामने आने लगी हैं और अब समाचार पत्रों में आप देख रहे हैं 2- 3 दिन से ही भास्कर पत्रिका ने छाप रहे हैं कि आपका डाटा ऑनलाइन खरीदी करने से आपकी हर खरीदी पर ना केवल देश की कंपनियों वरन अंतरराष्ट्रीय व विश्व स्तर की कंपनियां जिसमें सबसे ज्यादा चीन और चीनी मोबाइल, गूगल, पेटीएम, एटीएम, भीम, डेबिट क्रेडिट कार्ड का सारा डाटा, बैंकों की साइटों से चुराकर खुले में बेचा जाता है, और आपकी गोपनीयता को सरे चौराहे नीलाम कर बैंक खातों को झटके में आसानी से खाली किया जाता है। अकेले वर्ष 18-19 में भारत के 70लाख खातों में जालसाजी से पैसा निकाला गया था इसको समझिए। यह आपकी आधुनिकता का अभिशाप बन चुका है, कब आपके लाखों, करोड़ों रुपए खाते से खाली हो जाएंगे और बैंक में, व पुलिस को शिकायत करने पर हाथ ऊंचे कर देंगे। के बारे में जाकर आपके चारों तरफ के भुक्तभोगीयों से पूछ लीजिए। तो ऐसी आधुनिकता किस काम की जिससे हमारे समाज के लोग बेरोजगार हों और दूसरी तरफ अपनी बर्बादी व गुलामी की कहानी हम खुद लिखें। मतलब समझे आपकी ऑनलाइन खरीदी करने का कितना बारीकी से आपकी, आपके घर के बच्चों, परिवार के सदस्यों की आदतों से लेकर, खाने-पीने, उठने-बैठने आने-जाने, घूमने फिरने, तक का सारा डाटा यह सारी धूर्त कंपनियां इकट्ठा करके आप को गुलाम बना, पूरी तरीके से आप, अपने आप को, आधुनिकता की और स्मार्ट बनने की आप की कोशिश मैं उनके चंगुल में फंसाने का खुद ही मकड़जाल तैयार कर रहे हैं। इससे बचिये और अधिकतम लेनदेन छोटे-मोटे खरीदी छोटे बड़े गली मोहल्ले के क्षेत्रीय दुकानदारों से नगद में कीजिए। ताकि आपका डाटा, आपकी आदतें, आपकी गोपनीयता, परिवार के सदस्यों आदि की गोपनीयता, व आपकी, परिवार की समाज की, गली मोहल्ले नगर प्रदेश और देश की स्वतंत्रता बनी रहे। निवेदक व लेखक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर www.samaymaya.com
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