आखिर प्रदीप खन्ना लोकायुक्त के लपेटे में आ ही गए इसके साथ में ही उन्होंने जिन जिन कलेक्टर एसडीएम और एडीएम के अंडर में, के साथ वहां बैठे सभी बाबू ओ, खनन निरीक्षक के साथ काम किया उन सभी को लपेटे में लिया जाना चाहिए। उनके समय में जितने भी मंत्री और मुख्यमंत्री रहे उनको भी लपेटे में लिया जाना चाहिए। क्योंकि वो अगर इंदौर में बैठा रहा या भ्रष्टाचार किया तो उसका हिस्सा अपने एडीएम एसडीएम कलेक्टर के साथ-साथ अपने मंत्री और मुख्यमंत्री को भी पहुंचाया। जिन्होंने उस को पाल पोस कर इतना बड़ा किया और आज एक अरब से ज्यादा की आसामी का मालिक बना दिया। जिन्होंने उसको पाला पोसा भ्रष्टाचार करने की छूट दी तो सभी था उन सब ने भी मोटा हिस्सा हजम किया। इंदौर के आसपास पर्यावरण बिगाड़ और पहाड़ियों को साफ करवा दिया, जहां पहाड़ियों के लिए नहीं था जमीन में पत्थर था वहां गहरे गहरे लंबे चौड़े सैकड़ों हेक्टेयर के उत्खनन से बड़े गड्ढे बना दिये। जहां पानी भर जाने से बच्चों की मौत हो जाती है। आप चाहे तो जाइए उज्जैन रोड पर रेवती रेंज के आसपास की, से लेकर धर्मपुरी तक सारी पहाड़ियां साफ कर दी। धार रोड पर जाइए तो जवाहर टेकरी से लेकर बेटमा तक की। एबी रोड पर महू और उसके आगे तक इंदौर की सीमा में, केट रोड की, खंडवा रोड पर चोरल तक की पहाड़ियां, नेमावर रोड पर जाइए तो डबल चौकी तक की पहाड़ियां देवास रोड पर जाइए। तो वहां की भी कई पहाड़ियां कई खदाने अवैध रूप से चलती रही। तो आखिर उसके समय के सारे एडीएम एसडीएम तहसीलदार पटवारी इन सब को भी लपेटे में लिया जाना चाहिए। जिन्होंने उसके साथ मिलकर सारी जालसाजी को उत्खनन को अंजाम दिया। बेशक लोकायुक्त कार्रवाई में जो हल्ला मचाया जा रहा है वह भी महीने का पैसे खा कर उस कार्रवाई को लंबित करके सालों चलाएंगे।
यही हाल प्रदेश के हर जिले का है सबसे बड़े दोषी तो वहां के कलेक्टर एडीएम एसडीएम तहसीलदार पटवारी और वहां बैठा बरसों से कुंडली मारे जमा बाबुओं का और खनन निरीक्षकों का स्टाफ भी है। जब एक जिला अधिकारी में इतना पैसा हजम किया तो वहां 20 30 वर्षों से ज्यादा समय से जमा बैठे निरीक्षक बाबू पटवारी तहसीलदार एडीएम एसडीएम कलेक्टर ने कितना हजम किया होगा जब तक उनको लपेटे में नहीं लिया जाएगा जिन्होंने उसके सारे दस्तावेज तैयार किए और चोरी लूट अवैध उत्खनन को पाल पोस कर मोटी कमाई करवाई।
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