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इंटरनेट के माध्यम से बेशक जनता को संचार साधनों की सुविधाएं तो अवश्य मिली। इसके विकास के साथ माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स लेकर, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर जैसी साइटों ने जनता को अपनी मोटी कमाई के लिए भ्रमित करना अपना व्यवसाय फैलाने से लेकर इन हरामखोर जालसाज चांडालों के साथ हर देश की सरकारों ने मोबाइल ऐप बनाने वालों ने मोबाइल उत्पादन कंपनियों जिसमें सैमसंग, चीनी कंपनियां विवो, एम आई, अप्पो, माइक्रोमैक्स, व अन्य सभी ने उपयोगकर्ताओं का हर तरह से घोर शोषण भी करती हैं। उनकी बातचीत से लेकर, संदेशों, वीडियो चैटिंग, संपर्कों की सूची मोबाइल पड़ा सारा डाटा देखना, जांचना, उसका व्यवसायिक दुरुपयोग भी करती हैं। गूगल, फेसबुक व्हाट्सएप ने भारत की भेडिया झुंड पार्टी के इशारे पर, इन हरामखोर ने संदेशों को उड़ाने, वीडियो, उड़ाने, वीडियो की कटिंग, एडिटिंग करने, उसमें बदलाव करने अपने विरूद्ध चल रहे समाचारों को उड़ाने, अपने झूठ को भी बढ़ा चढ़ा कर सच बताने, अपनी लूट, पाखंड, भ्रष्टाचार, देश की बर्बादी, सार्वजनिक संपत्तियों की नीलामी, जनता को लूटना, डराना, धमकाना, निचोड़ना शुरू कर दिया। इसके बारे में मैं पिछले 7 साल से लगातार लिख रहा हूं। और अब हर सच सामने आने लगा है। वैसे तो घोर पाखंडी भुखमरे मोदी ने चीन के 20 साल तक बहुत तलुवे चाटे। 15 साल मुख्यमंत्री रहते हुए5, 5 साल प्रधानमंत्री रहते हुए 4, कुल 9 चक्कर चीन के लगाए उसकी सारी कंपनियों को व्यवसाय को बढ़ाने के लिए पहले पूरे गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए चीनी कंपनियों को खड़ा कर दिया और प्रधानमंत्री रहते हुए फिर पूरे देश में बदले में गुजरात को 15 साल तक और बाद में पूरे देश के उद्योग धंधे व्यवसायियों को बर्बाद करता रहा। स्वाभाविक था चीन के तलवे चाटने से चीनी कंपनियों को यहां तांडव करने की पूरी छूट मिली और उसने जो मोबाइल उत्पादन कंपनियां भारत में लगाई जिसमें विवो, एम आई, ओप्पो, माइक्रोमैक्स व अन्य कंपनियां उत्पादन भारत में करती रही पर हर मोबाइल खरीददार की सारी जानकारियां चाइना में इकट्ठा होती रही और अभी भी वर्तमान में हो रही है। जब उसने भारत की धरती पर लेह लद्दाख में कब्जा करना शुरू किया। तो मोदी ने उसके 59 चीनी ऐप अवश्य बंद कर दिए पर उत्पादन बंद नहीं किया स्वभाविक सी बात थी वह सारी कंपनियां आज भी देश की 15 करोड़ चीनी मोबाइल उपयोगकर्ताओं का डाटा चीन में ही इकट्ठा कर रही हैं। हर मोबाइल कंपनी के अपने एप्स उस मोबाइल में डाले रहते हैं। बेशक भारत में गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक पर वे काम करने से नहीं चूकती। परंतु वही बात चीन में किसी भी अमेरिकी कंपनी की सोशल साइट्स और गूगल नहीं चलता। वहां पर उनकी अपनी व्यवस्थाएं हैं। इससे चीनी डाटा वैश्विक स्तर पर हैकरों को सार्वजनिक नहीं होता और उसका व्यवसायिक उपयोग नहीं किया जा सका। इसलिए वहां पर इन के माध्यम से दुनिया के अन्य देशों से बैंक खातों में डाकाजनी नहीं होती।
पर भारत में गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप, टवीटर को भेढ़िया झुंड पार्टी पैसा देकर जनता के हर उपयोगकर्ता की जासूसी करवा कर सारा डाटा इकट्ठा करती हैं। संदेशों को, बदलने, अर्थ का अनर्थ करने, गायब करती, रोकती हैं। बोलने पर लिखने से, बंद करती, रोकती हैं। या संदेशों,विडियो को बदल देती हैं। बेशक यह सच भारत के किसी भी समाचार पत्र ने नहीं छापा। जबकि मैं यह सच्चाई पिछले 6 सालों से लगातार अपने समाचार पत्र समय माया में छापता रहा हूं.
यह भी धीरे-धीरे सामने आएगा ही। भारत के बैंक खातों में 18-19 में ही लगभग 70लाख बैंक खातों, डेबिट क्रेडिट कार्ड, पेटीएम, भीमएप आदि में भारत के अंदर और बाहर से आनलाइन डाके डाले गए। इसी ऑनलाइन गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक व अन्य ऐप के माध्यम से डाटा इकट्ठा किया। ना केवल देश वरन दुनिया के हैकरों के लिए डकैती का आसान तरीका बन गया। परंतु भारत सरकार आंतरिक गृह और बाहरी विदेश मंत्रालय इसमें अभी तक कोई हाथ नहीं लगा सका। और भारत की पुलिस हर राज्य की, पहले हर दिन भारत के जिला न्यायालय में उसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक पुलिस की जालसाजीयों, लूट, डकैती, अपराधीयों की सेवा महिमा का बखान करते हैं। के गुणगान करने की आवश्यकता ही नहीं। वे तो स्वयं खाकी वर्दी के डकैत हैं।
इसको जनता समझे।
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