नगर निगम इंदौर के साथ ही पूरे प्रदेश व देश में आपने देखा कि बेलदार भी करोड़ों का मालिक था। खुद के ऑफिस चला रहा था। निगमायुक्त से, उपायुक्त व इंजीनियरों, निरीक्षकों बाबुओं, लेकर सभी पार्षद बेलदार सफाई कर्मी जो तिकड़मी ही है। सभी करोड़पति हैं। इन हरामखोरों के घरों पर छापे मारने चाहिए और देखा जाना चाहिए। कि इनकी इनकम कितनी थी और कितनी संपत्ति है। इनके जितने भी मोबाइल है। उन सब की कॉल डिटेल को रिकॉर्ड करके उन सब की सच्चाईयां सार्वजनिक की जानी चाहिए।
आपने देख लिया एक वह हरभजन सिंह हरामखोर घोर भ्रष्ट करोड़ों रुपए वेश्याओं पर लुटाता था। कौन कितना दो नंबर का काम करता है। जानवरों को उठाता है। सब्जियां, सामान, उठा कर लूट कर बैच कर खाता है। बांटता है। गरीबों के ठेले तोड़ता है। हरामखोर घोर लुटेरे डकैत अय्याश, जालसाजों की फौज होती है। यही कारण है कि जो भी यहां आता है कुंडली मारकर अजगर की तरह चिपक कर जो भी सामने आता है। 30 35 40 साल तक झपट्टा मार, निगलता, लूटता व डकार्ता रहता है ।
यही कारण है कि महापौर से लेकर आयुक्त उपायुक्त लेखा अधिकारी बाबू इंजीनियर डॉक्टर निरीक्षक जॉन इंचार्ज से लेकर जमादार सुपरवाइजर से बेलदार तक सब कुछ ही समय में करोड़पति अरबपति बन जाते हैं। इसीलिए यह चांडालों की फौज कभी भी सूचना अधिकार में जानकारी नहीं देती। धारा 4 को लगे हुए 15 साल गुजर जाने के बाद में भी किसी ने भी पूरी जानकारी आज तक हर विभाग की 17बिंदुओ की अपनी निगम की साइट पर लोड नहीं की। बाकी सारे काम होंगे जानकारी लोड करने में 15 साल गुजर गए परंतु वसूली की साइट है बाकी सारी साइट हैं। पर किस विभाग में कितना पैसा आया? कहां कितनी खरीदी की? कहां किस विभाग में कौन-कौन से कर्मचारी अधिकारी इंजीनियर डॉक्टर इंस्पेक्टर बाबु दिलदार जमादार बैठे हैं? किसको कितना वेतन मिल रहा है? किस की क्या योग्यताएं हैं? किसके काम की सीमा क्या है? कौन सा कार्य उसे आवंटित है? कुछ भी नहीं डाला गया क्यों? आखिर चारों तरफ नागनाथों सांपनाथों और अजगरों का अड्डा है। कोई भी स्वयंसेवी संस्था, समाचार पत्र वाले, न्यूज़ चैनल वाले सबको महीना मिलता है। इसलिए सब चुप रहते हैं। सब अपना अपना हिस्सा डकार कर।
जनता को बाहर एकत्रित होकर स्वयं सब चीजों की जानकारी लेने के लिए लगातार सूचना के अधिकार में जानकारी की मांग करने के साथ-साथ धारा 4 को पूरा करवाया जाने के लिए आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी और जितने भी डकैत हैं इनको मौके पर ही तत्काल जवाब दिया जाना चाहिए।
निवेदक व लेखक
प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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