सिरों सर्वे के नाम पर एक नई नौटंकी इंदौर के कलेक्टर कमिश्नर सीएमओ ओम मेडिकल कॉलेज डीन ज्योति बिंदल ने रची है।
नाम दिया है विश्व स्वास्थ संगठन का परंतु यथार्थ में यह नई मक्कारी आपके शरीर में जो सुई चुभा कर खून निकाल लेगी यदि वह संक्रमित हुई तो आपको नया संकट पैदा कर सकती है। दूसरा जो कर्मचारी आपका सैंपल लेने आएंगे।
अगर वह संक्रमित हुए या उनको कोई बीमारी हुई उससे भी आप संक्रमित हो सकते हैं। तीसरा क्या जरूरी है कि वह सैंपल इसी काम आएगा? आपके रक्त के नमूने से बहुत सारी नई चीजों की झांसी की जाएंगी जो बहूराष्ट्रीय दवा व उपकरण बनाने वाली कंपनियों टीका बनाने वाली कंपनियों के द्वारा उपयोग किया जा कर भविष्य में नए कांड करने में काम आएगा।
सैंपल के नाम पर आगे आपको अन्य बीमारी के लिए ब्लैकमेल किया जा सकता है।
आपके रक्त के नमूना दिया उसका डाटा वह आपको नई परेशानी खड़ी करके भविष्य में जिंदगी भर के लिए आपको नए तरीके से किसी अन्य बीमारी का भय दिखाकर परेशान कर व नोंच सकते हैं। निश्चित ही आपका यह डाटा और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन धूर्त्त, मक्कारों के द्वारा बेचा जाएगा।
वर्तमान में सरकार के पास पर्याप्त प्रयोगशाला ही नहीं है। पर्याप्त एमडी पैथोलॉजी या एमएससी पैथोलॉजी के विशेषज्ञ नहीं है। पर्याप्त प्रयोगशालाओं में जांच करने की सामग्री नहीं है।और उपकरण वह किट भी नहीं है। 4 महीने से आपके लूट का और अस्पतालों का अस्पतालों में होते हुए मौत के तांडव का निरीह जनता दुष्टकृत्य देख रही है।
आपके वर्तमान में किस प्रकार से अति निम्न या कूप्रबंधन का शिकार हैं। आप की प्रयोगशालायें। यह नमूना देश दुनिया के सामने हैं।
तो आप फिर किस आधार पर जनता का सीरो सर्वे करके डाटा एकत्रित करके क्या करना चाहते हैं? लोगों को सीधे ही जहर देकर मार डालो। क्यों तड़पा तड़पा के मार रहे हो?
हरामखोर भ्रष्टों जालसाजी तुम्हारी नियत में ही कूट कूट कर खोट भरा हुआ है।
तुम्हारी किस बात पर विश्वास किया जाए। तुम तो घोर, नीच, पाखंडी, जालसाज, डकैत, लुटेरों, कानून की आड़ में जनता का खून पीने वाले राक्षसों तुम और तुम्हारे आका जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों डब्ल्यूएचओ आईसीएमआर के मक्कार भ्रष्ट डॉक्टरों जो कोरोनावायरस पर जनता के हृदय, यकृत,प्लीहा गुर्दे आंखें अंडकोष आदि तक निकाल कर बैच कर खा रहे हैं ।तुम्हारी किस बात पर विश्वास करें।
तुम्हारे लिए यह महामारी मोटी कमाई का और वसूली का साधन बन चुकी है। अगर थोड़ी शर्म नैतिकता बाकी हो तो जनता का भला करने के लिए बैठाए गए हो अधिकारी के रूप में डकैती डालने अकाल मौत देकर मौतों का तांडव करने से तुम महामानव नहीं बन जाओगे। मृत्यु तुम्हारी भी शीघ्र और अकाल होगी।
यह याद रखना बचकर तुमको भी नहीं जाना है। किसके लिए ईकट्टा कर रहे हो। मुट्ठी बांधे आए थे और हाथ पसारे जाओगे। यह याद रखना सब कलेक्टर, कमिश्नर, नेता, मंत्री प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डॉक्टर, न्यायाधीश सब नग्न आए थे और नग्न ही जाओगे। किसके लिए यह पाखंड कर रहे हो पूछो कभी अपने आप से।
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