यह 2014 के चुनाव पूर्व से पहले का हीं पूर्व नियोजित षड्यंत्र है । वैसे तो इस षड्यंत्र की तैयारी सन 2000 से ही शुरू हुई थी जब रिलायंस ने हीं अपने रिलायंस फ्रेश स्टार्स की शॉपिंग मॉल की बुनियाद देश के 550 से ज्यादा शॉपिंग मॉल स्थापित करके नींव रख दी थी।
उसके बाद में दुनिया की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कांग्रेस और भाजपा ने लाखों करोड़ का चंदा लेकर हजम किया और 2005 से कानून खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम की तैयारी कर सन 2006 में पास कर दिया गया जिसकी कोई खबर जनता को और मीडिया को नहीं दी गई उसमें एक अंगूठा टेक आम सांसद को भी हजार हजार करोड का कानून पर अंगूठा लगने का मोटा धन मिला।
यही कारण है कि सारे सांसद विधायक और नेता इस महामारी के पाखंड पर मुंह में दही जमा कर बैठे हैं।हरामखोर चांडालों की फौज।
इसके लिए देश को बंद कर सारे सारे छोटे व्यवसायियों को ठेले वालों छोटे दुकानदारों फुटपाथ पर बैठकर व्यवसाय करने वालों फुटकर विक्रेताओं छोटी दुकानों उद्योगों मंडियों बाजारों को बर्बाद करके लोगों से रोजगार छीन कर उनको बेरोजगार बनाना है।
अपने पूंजीपति बापों मुकेश अंबानी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जिन्होंने उसे मोटा चुनावी चंदा दिया था।
जिसे उसने अपने घोषणापत्र में ही शामिल कर दिया था।
अब इसके बाद में भी मूर्खों ने वोट दिया तो भुगतना तो पड़ेगा
जब रोजगारी नहीं होगा तो आय नहीं होगी और जब आय नहीं होगी।
तो आयकर नहीं देना पड़ेगा।
अब स्वाभाविक सी बात है पिछले 140 दिन से ३० करोड लोग बेरोजगार बैठे हैं तो आय ही नहीं है।
तो आयकर कैसा?
घोषणापत्र को ही पूरा कर रहा है वो चांडाल,
और अस्पतालों में मौत या
हत्यायें भी पिछले अप्रैल से सबसे ज्यादा उन्हीं निम्न मध्यमवर्गीय और मध्यम वर्गीय हिंदुओं की हो रही है। जिन्होंने ज्यादा जोश में ताली थाली बजाई थी।
दिए जलाए थे। अब पूरे देश में अस्पतालों में मुसलमानों की मौत नहीं हो रही। क्योंकि पूरे देश के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कोरोना के नाम पर स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम घुसने में सक्षम नहीं है। अन्यथा वो घेर कर वही पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का इलाज कर देते हैैं।
सुनो और समझो अंधभक्तों
|