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पूरे विश्व की आबादी 780 करोड़ उसमें भारत की आबादी 140 करोड़ है पूरी दुनिया में अमेरिका और चीन दो ऐसे राष्ट्र है जिनकी कंपनियां और वहां के शासक दुनिया को अपनी मुट्ठी में बंद कर अपनी तरह से निचोड़ कर कब्जा करना चाहते हैं। यह सारा पाखंड 4 महीने से चल रहा है। बेशक अमेरिकी कंपनियों वॉलमार्ट, अमेजॉन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, हथियार औषधि टीके निर्माता कंपनियां के साथ अमेरिका में बैठे हुए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के संगठन यूनाइटेड नोटोरियस आर्गेनाइजेशन, जिसकी 50 से ज्यादा अन्य छोटी-छोटी शाखाएं जिनमें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, यूनिसेफ, वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन बनाम वर्ल्ड टेरिफिक ऑर्गेनाइजेशन, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, जिन्हें अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियां चलाती, हांकती और उस के माध्यम से दूसरे देशों की सरकारों, उनके मंत्रियों, अधिकारियों को खरीद कर उन देशों के प्राकृतिक स्त्रोतों, मानव निर्मित स्रोतों के साथ जनता को अपने बनाए धूर्तता और जालसाजी पूर्ण कानूनों में उलझा कर विश्व के अन्य देशों के प्राकृतिक एवं मानव निर्मित स्त्रोतों पर अपनी मोटी कमाई के लिए कब्जा कर निचोड़ने का षड्यंत्र पिछले 50 साल से रच रही हैं।
वर्तमान में पूरी दुनिया में फैलाई महामारी के इस षड़यंत्र में यही उपरोक्त राक्षसी प्रवृत्ति की कहानी है।
दुनिया में कोई करोना नाम की महामारी नहीं है। बस इन पाखंडी पूजी पतियों यथा वॉलमार्ट के वारेन बुफेट, अमेजॉन के जेन बेजोफ, फेसबुक और व्हाटसएप का जुकरबर्ग, माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट, जिसकी टीके बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है, गूगल के सुंदर पिचई व अन्य अनेकों ने यही सारा पाखंड पूरी दुनिया में कोरोना है महामारी के नाम पर चलाया जा कर लाखों लोगों की जानबूझकर हत्या की जा रही है। और भारत में तो इस महामारी के नाम पर हजारों लोगों की हत्या कर उनके शरीर से ह्रदय लीवर किडनी आंखें तक निकालकर बेची व कमाई की जा रही है। जिसका सच जो 3 महीने से ही अपने वीडियो के माध्यम से मैं देश दुनिया की जनता को बता रहा हूं। वह सामने आ चुका है।
अभी जिस प्रकार से पूरे भारत में यहां के कलेक्टर कमिश्नर मुख्यमंत्री गृहमंत्री प्रदेश का और देश का जो लॉक डाउन करने का नाटक कर 4 महीने से लगभग 35-40 करोड़ से ज्यादा लोगों को बेरोजगार कर 100 करोड़ को भूख से मार 40 करोड़ बच्चों की शिक्षा को बर्बाद कर आने वाली पीढ़ी का भविष्य चौपट कर रहे हैं।
यह मत समझ लीजिए कि जनता जानवर है आप जैसा कहोगे वह जनता मजबूरी में करती व चलती रहेगी।
यथार्थ में दुनिया के यूरोप और एशिया के साथ ऑस्ट्रेलिया उत्तरी दक्षिणी अमेरिका के देशों के 600 करोड़ लोगों की बेरोजगारी और भूख से बेजार उन गरीबों की मस्तिष्क की कुंठा और हाय विश्व भर में रखे 5000 से ज्यादा परमाणु बमों को विनाश की तरफ ले जाकर इन सारे चांडाल पूंजी पतियों के साथ अमेरिका के ट्रंप, चीन के जिनपिंग, रूस के पुतीन, भारतीय चांडाल मोदी, भारतीय घोर जालसाज पूंजीपति मुकेश अंबानी के सारे दुनिया पर और सारी संपत्ति को अपने बाप की जागीर समझ हड़पने के मंसूबों को खाक करते हुए दुनिया को भी राख कर दे।
आखिर 600 करोड़ गरीबों के मस्तिष्क से उठती बेरोजगारी और भूख से जन्मी कुंठा की तरंगों का असर परमाणु युद्ध की तरफ ले जाकर परमाणु युद्ध में परिवर्तित हो जायेगा। शायद यह सच सत्ता और दौलत के नशे में चूर पूंजीपतियों को व सत्ताधशों को समझ में नहीं आएगा। परंतु 600 करोड़ की कुंठा बर्बाद नहीं जाएगी। जो ब्रह्मांड में घूम रही है। और उसी कुंठा का असर अभी लेबनान में देख लिया। आपने।
कोई भी घटना दुर्घटना अपने आप नहीं होती उसके पीछे वहां फंसे हुए लोगों की अद्रश्य मानसिक चेतना व कुंठाओं का असर होता है।
यह सच अभी समझ में आ जाना चाहिए।
यह पाखंड कि मेरे पास यह सत्ता है, इतनी दौलत है। सब यहीं से लिया है, और यहीं पर छोड़कर जाना है। यह मेरा है। सब माया का भ्रम है। लाखों सालों से धरती पर यह सब लाखों पीढ़ीयों ने देखा व समझा है। फिर भी ऐसे पाखंडी सत्ताधीशो और पूंजीपतियों का लालच भयंकर विनाश को जन्म देता रहा है। शायद हम फिर उसी विनाश के मुहाने पर खड़े हैं।
निवेदक व लेखक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र इंदोर
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