इस देश की गुलामी के बारे में मोदी के अंध भक्तों को समझने से ज्यादा कुछ नहीं समझना।ऐसे ही मोदी के अंध भक्त हर काल हर युग में हर आक्रांता का ना केवल अपनी जमीन जायदाद और उनकी गुलामी के साथ-साथ अपनी बीवी और बेटियों को सौंप कर करते रहे हैं।
जिनके पास हरामखोरी का बाप दादों का दो नंबर का काले धन का पैसा होता है। उन्हें ज्यादा बातें आती हैं। वह क्या समझेंगे किसी गरीब की आंख के आंसू, किसी गरीब मां की गोदी में बेरोजगारी से उत्पन्न धनाभाव से दूध के अभाव में बिलखती 2-4 महीने के बच्चे का दारूण क्र॔दन, भूख से रीते दुग्ध स्तन, दो वक्त की रोटी, बच्चों के कपड़े और किताबों स्कूल की फीस के धन का जुगाड़ करना।
उन हरामखोरों को पकी पकाई सुबह शाम की पारिवार से मिलती रोटी। अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम के नाम पर मिल जाती है।।उन्हें अंधभक्ति दिखाने में ही आनंद आएगा।
जो काम 500 साल में नहीं हुआ वह 6 साल में कर दिया। जिनको अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए घर में धन रखने का, धन को गाड़ने, धन को बैंकों में रखकर अपने भविष्य को सुरक्षित करने की जो नीति थी। उसने उस धन को जनधन खाता खुलवाने के नाम पर न्यूनतम शेष के नाम पर बैंकों में 50 करोड़ गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय लोगों के लगभग साढे छह लाख करोड़ रुपए बैंकों ने हजम कर लिया।
जिस जाहिल नीच का खानदान स्टेशन पर चाय बेचते हुए अपनी चोरी जेबकटी, नीच, आपराधिक मानसिकता के चलते लोगों को ब्लैकमेल करके हरामखोर पाखंडी प्रधानमंत्री क्या बना अपने आप को खुदा समझने लग गया।
चांडाल देश का लाखों करोड़ विदेश यात्रा में बर्बाद किया और जब ज्यादा हल्ला मचा तो लोगों के हाथ में झाड़ू पकड़ा दी।
हरामखोर ने सफाई वाहनों टाटा की अशोक लीलैंड की लगभग दो लाख वाहन खरीदने में कचरा गाड़ियों के नाम पर लगभग 5लाख करोड रुपए में मोटा कमीशन मारा गया। खाऊंगा न खाने दूंगा सबको भूखा मारूंगा का अपना वचन निभाते हुए करोड़ों को भूखा मार फिर भी शौचालय बनवाने के नाम पर भी पूरे प्रदेशों व पूरे देश भर में लगभग दो लाख करोड़ का का घोटाला किया गया। अधिकांश शहरों में शौचालय निर्माण के ठेके गुजराती फर्मों को दिए गए। अंधभक्तों को झाड़ू पकड़ा सफाई में उलझा बैंकों की लगभग रू 30लाख करोड़ की सफाई अपने पूंजीपति आकाओं कि इस अय्याश ने बैंक ऋणों की माफी कर दी। जब तक इस पाखंडी के कारणों की समझ आती तब तक उस जाहिल ने नोटबंदी कर दी उस नोटबंदी की आड़ में भी अपने आकाओं की लाखों करोड़ की कमाई करवा दी नोट का कागज खरीदने में नोटों की छपाई करवाने में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी करने से पहले ही दो दो हजार के नोटों के बंडल भाजपा नेताओं के पास जुलाई में ही आ गए थे। राक्षस का अभी भी दिल नहीं भरा था उसने गरीबों को भी छोड़ने के लिए सबके बैंक अकाउंट खुलवाने के बहाने और उसमें पैसा डालने के नाम पर लगभग 50 करोड गरीबों का साडे लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हजम कर लिया गया। उन गरीबों के धन से बैंकों के घाटे की भरपाई करवा दी गई अभी गरीब निचले मंझोले निम्न मध्यम वर्ग की, व्यवसायियों उद्योगों के घाव अभी भर भी नहीं पाए थे कि बहुराष्ट्रीय और भारतीय पूंजी पतियों के गुलाम ने 01/7/17 से जीएसटी लाद दी। जिसकी वह और उसकी भेड़ियों का झुंड सन 2012 -13 तक बुराई करता रहा। फिर फेकू में दम थी। तो पेट्रोल डीजल गैस के साथ शराब पर लागू क्यों नहीं कि जीएसटी।
गरीबों व किसानों का हितैषी होने का दम भरने वाला और यही वह भाजपा थी जो पेट्रोल डीजल और गैस की कीमतों पर 15 18% टैक्स होने पर भी गैस की टंकी लेकर और साइकिल का बैलगाड़ी से चलकर चौराहा चौराहा पर विधवा विलाप किया करती थी अब दो सौ प्रतिशत केंद्र और राज्य टैक्स वसूल करते हैं। कहाँ मर गए वह नेता जो महंगाई का रांडी रोना रोते थे। अब $35 प्रति बैरल क्रूड के पेट्रोल को भी 90/- प्रति लीटर बेंच रहे हैं।
अंध भक्तों अगर भेडियो झुंड पार्टी के गिरोह में शामिल हो और 4 महीने में महामारी की आड़ में गरीबों की सहायता देने के नाम पर अगर दिए गए सरकारी धन में से लूट कर खाया हुआ है तो बात करना तुम्हारी सहज प्रकृति है। आम गरीब निम्न मध्यम वर्ग व मध्यम वर्गीय लोग ही क्यों इस महामारी में संक्रमित हो अस्पतालों में भर्ती हो कमाई का साधन बने हुए हैं कलेक्टर कमिश्नर सीएमओ मंत्रियों मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री के लिए मौत भी उन्हीं लोगों की हो रही है।
जो पुरानी बीमारियों के शिकार निम्न और मध्यम वर्ग के लोग हैं इस पाखंड का अंधभक्त नहीं समझ पाएंगे क्योंकि उन पर तो हरामखोरी भ्रष्टाचारी लूट की कमाई का पर्दा डाला हुआ है उन्होंने अगर मेहनत से कमाई करके जीवन यापन किया होता तो उन पाखंडी हरामखोरो को इतनी बातें नहीं आती।
प्रदेश का मुख्यमंत्री देश के मंत्रियों को संक्रमण एक आराम करने मौज मस्ती करने अगर ईमानदार है और सेट में बीमार हुए हैं तो क्यों भारतीय सरकारी चिकित्सा केंद्रों व संस्थानों में भर्ती नहीं हुए चाहे वह येदुरप्पा हो शिवराज हो अमित शाह हो अमिताभ बच्चन हो यह सारे पाखंडी जालसाज भ्रष्ट झूठे मक्कार जनता की सहानुभूति प्राप्त करने अपने पाखंडों को सही सिद्ध करने और अपने कुकर्मों से जनता का ध्यान हटाने, संक्रमित होने का नाटक कर अपने आसपास के मित्र सह आंतरिक शत्रुओं को ठिकाने लगाने का हथियार बना इस महामारी का उपयोग कर रहे हैं।
जिस राम मंदिर के उद्घाटन पर इतना फुदक रहे हो यथार्थ में जिसे मोदी की उपलब्धि मानकर बम फोड़ रहे हो वह मोदी की नीचता का यह प्रमाण ही काफी है कि जो जीवित लोग उस के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी ने आंदोलन व राष्ट्र व्यापी यात्राओं के सहारे भाजपा की नीव देश की जनता के दिलों में पैठ बनाकर सत्ता में जमाई। उनको इस कार्यक्रम में आमंत्रित तक नहीं किया। बैनर पोस्टर मैं अटल बिहारी बाजपेई लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी प्रवीण तोगड़िया अशोक सिंघल का नामोनिशान तक नहीं।
हिंदू महासभा ने उसका 70 साल केस लड़ा उस केस के फैसले को आने से पहले ही श्रध्देय कमलेश तिवारी की हत्या करवा दी गई, और घोर आपराधिक जिस पर 50 से ज्यादा प्रकरण हैं, आदित्यनाथ योगी उसने राम मंदिर के निर्माण से पहले 2 सालों में 200 से ज्यादा ब्राह्मणों की हत्या करवा दी।
खुशी की बात है और राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ।
परंतु हे अंध भक्तों 35 करोड़ लोगों को 4 महीने से बेरोजगार किया जिससे 100 करोड़ लोग भूख से परेशान हैं। उनको रोटी रोजगार बाप मोदी और मोदी का बाप मुकेश अंबानी, या मंदिर देगा।
निवेदक, प्रस्तुति व लेखक
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र इंदोर
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