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यदि आप सच्चे भारतीय हैं।
तो जोमैटो स्विग्गी उबेर से कोई भी भोजन ना मंगवाए।
दूसरी तरफ इनके सारे ऐप भी अपने मोबाइलों से बाहर कर दें सच्चे भारतीय राष्ट्रभक्त होने का ठेका केवल पाखंडी मोदी अमित शाह आर एस एस के भागवत के साथ पूरी देश की भेड़िया झुंड पार्टी ने ही नहीं लिया है।
वैसे तो यह चीन के गुलाम हैं। इन्होंने आज तक आप से नहीं बोला की जोमैटो स्विग्गी और उबेर वह भी चीनी कंपनियां है। और इनके ऐप भी बाहर कर दीजिए।
इनसे खाना मंगवाना बंद कर दीजिए।
बेशक इनकी 20% कमीशन हमारे देश के होटलों रेस्टोरेंट ढाबों से वसूल कर 5% डिलेवरी बाय को देकर, 5% यहां भूखेरे कलेक्टर कमिश्नर टीआई निगम कमिश्नर से लेकर स्थानीय नेताओं प्रदेश के मंत्रियों विधायकों मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पहुंचता है।
इसी कारण इन हरामखोर जालसाजों ने देश में फैले जोमैटो स्विग्गी उबेर के 1100 नगरों में इस खाद्य आपूर्ति कि घर पहुंच सेवा देने के साथ-साथ हमारे किसानों से सब्जी छीन कर इस महामारी की आड़ में ₹20 किलो का टमाटर ₹10 किलो का प्याज आलू व अन्य सब्जियां डेढ़ सौ रुपए में 3.5 किलो घर पर पहुंचाने की व्यवस्था इस पाखंड की आड़ में कर दी गई थी.
बेशक सारे डिलीवरी ब्वॉय भारतीय हैं। जिन्हें मात्र 5% कमीशन मिलता है।
5% कमीशन हमारे देश के प्रधानमंत्री कार्यालय मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर नीचे थानों के टीआई निगम के कमिश्नर कलेक्टर आदि को बांट कर 10% कमीशन नेट वह अपने देश को भेज देती है। इन्होंने उबेर स्विग्गी और जोमैटो के ऐप हटाने के लिए नहीं बोला। क्योंकि उनसे भी पहले कमीशन खाया जा चुका है और अभी भी 5% कमीशन जो लाखों में होता है हर महीने इनको मिलता है।
इसलिए उन्होंने देश के 5 करोड़ से ज्यादा फुटपाथ पर, ठेलो पर, मंडीयों में सब्जी फल फूल वालों को जिनसे देश के 20 करोड़ लोगों का जीवन चलता है। बेरोजगार कर भूख से मारने का षड़यंत्र रचने के बदले खातों में 15 लाख डालने का वादा कर चुनाव जीतने के 1साल बाद महामारी की आड़ में हर माह 5 किलो गेहूं व एक किलो दाल देकर मुंह बंद कर पुनः मसीहा बनने का खेल चल रहा है
यह पाखंडी देशभक्त होने का नाटक करने वाले आपको हमें क्या सिखाएंगे? यदि हम सच्चे राष्ट्रभक्त हैं।
तो न केवल चीनी माल बल्कि इन चीनी कंपनियों के माध्यम से हमारे देश का कमीशन बटोर कर ले जाने वाली इन कंपनियों के भी खाद्य सामग्री घर पहुंचाने सारे एप हटा दीजिए।
आगे मर्जी आपकी अगर अंधभक्त हैं। तो भी पूछ लीजिये अपने उस चांडाल आका से कि 59 एप में इन कमीशनखोरी करने वाले चीनी दल्लों के एप क्यों नहीं है? या उन शत्रुओं के कमीशन में उनका भी हिस्सा खायें बिना पेट नहीं भरता।
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