मोदी के अंधभक्तों किसी भी समाचार को भेजने से पहले उसका सच देखना भी सीखो। कब तक जनता को झूठ और पाखंड की गुड़ का शहद चटाओगे?
ढाई सौ करोड़ की पटेल की मूर्ति जनता ने नहीं बनवाई थी जिसका भारत की जनता से लूटे हुए धन से 3000 करोड़ का भुगतान किया। अपने बाप जिनपिंग के देश के चीनी कंपनियों को। आखिर चीनी माल मंगवाता कौन है? भाजपा काल में ही लाखों ठेके भारत में चीनी कंपनियों को दिए दिए गए दूसरी तरफ लाखों करोड़ों रुपए का माल सरकारी ठेकों में सप्लाई होता है आखिर हजारों करोड़ का कमीशन हजम कर वह चीनी माल सरकारी स्तर पर स्वीकार क्यों किया जाता है?
करुणा के पाखंड की आड़ में मास्क की दो ₹5 की चिंदी भी चीन की ढाई ₹200 में चीनी पीपीइ किट सो सभा सो रुपए का 16 सो रुपए में 20 30 रुपए की टेस्टिंग किट ₹700 में क्यों खरीदी गई सरकारी स्तर पर सरकारी अस्पतालों में इसका जवाब है आपके पास?
आम नागरिक तो चीन नहीं गया। मोदी ही गया 6 साल में देश की जनता का पैसा लुटा कर।
फिर देशभक्ति का पाठ पढ़ाने वालों यदि अभी मैने लगातार निगमों के फल सब्जी बेचने और चीनी जोमेटो को सब्जी आपूर्ति के ठेके के विरूद्ध अपने विडियो से अभियान नहीं चलाये होते तो इन चांडालों जिलों के कलेक्टर, संभागों के कमिश्नर ने देश के एक करोड़ से ज्यादा फल सब्जी बेंचने वालों को बेरोजगार कर भूख से मरने लावारिश छोड़ ही दिया था।
आंखों से अंधभक्ति का चश्मा हटा राष्ट्रभक्ति की, 135करोड़ की भूख और रोजगार की बात करिये। भेड़ियों के झुंड पार्टी के पास केवल गप लगाने जवाबी जमा खर्च करने और मुंह चलाने के के अतिरिक्त वास्तविक चरित्र चित्रण करिये।
जनता को मुख से राम राम सुनाने वाली चरित्र से जनता को मरा अधमरा कर अटल युग में भी और वर्तमान 6 साल के इस मोदी काल में भी लूटने बर्बाद करने के अतिरिक्त क्या किया इन नीच जंगली भेड़ियों ने।
|