हरे भरे देश की सड़कों पर भय का सन्नाटा बिछा दिया।
चांडाल ने सत्ता के शीर्ष पर पहुंचते ही।
देश को श्मशान बना दिया।
पूंजीराक्षसों की सेवा में सारा कोष लुटा दिया
करोड़ों गरीबों को भूख से मार सत्ता का श्मशान सजा दिया।
हरे भरे देश की सड़कों पर भय का सन्नाटा बिछा दिया।
भ्रमित अंधभक्त जयकारे लगाते रहे
भूख से मरने वालों की चितायें जलती रहीं।
कुटिल चांडाल अट्टहास करता रहा।
पूंजी राक्षस आकाओं के गुलाम चांडाल ने
भूख बीमारी से हुई मौतों को भी भय की महामारी का शिकार बता दिया।
हरे भरे देश की सड़कों पर चांडाल ने भय का सन्नाटा बिछा दिया।
रचियता व प्रस्तुतकर्ता
प्रवीण अजमेरा
समय माया समाचार पत्र इंदौर
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